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Toggleऐसे-ऐसे मोहन की बीमारी
विष्णु प्रभाकर
ऐसे-ऐसे का वस्तुनिष्ठ प्रश्न (MCQs)
(क) किसके पेट में “ऐसे-ऐसे” होता है?
(i) मोहन के
(ii) सोहन के
(iii) रोहन के
उत्तर: (i) मोहन के
(ख) “क्या हो गया? दोपहर को भला चंगा गया था?” यह वाक्य किसने कहा?
(i) माँ
(ii) पिताजी
(iii) इनमें से कोई नहीं
उत्तर: (i) माँ
(ग) सबसे पहले मोहन का इलाज किसने किया?
(i) वैद्यजी
(ii) डॉक्टर जी
(iii) इनमें से कोई नहीं
उत्तर: (i) वैद्यजी
(घ) “डॉ० साहब, कुछ समझ में नहीं आता।” यहाँ वक्ता कौन है?
(i) पिता
(ii) माता
(iii) वैद्य
उत्तर: (i) पिता
(ङ) “हूँ, शायद सवाल रह गए हैं।” यहाँ वक्ता कौन है?
(i) मास्टर जी
(ii) वैद्यनी
(iii) पिताजी
उत्तर: (i) मास्टर जी
ऐसे-ऐसे का लघुउत्तरीय प्रश्न (Short Answer Questions)
(क) बीमार विद्यार्थी का क्या नाम है?
उत्तर: बीमार विद्यार्थी का नाम मोहन है।
(ख) मोहन के पिताजी के अनुसार मोहन ने क्या खाया था?
उत्तर: मोहन के पिताजी के अनुसार मोहन ने सिर्फ एक केला और एक संतरा खाया था ।
(ग) मोहन के पिताजी किस नंबर पर फोन मिलाते हैं?
उत्तर: मोहन के पिताजी डॉक्टर के ४३३३२ पर फोन मिलाते हैं।
(घ) डॉक्टर के अनुसार मोहन को कौन-सी बीमारी है?
उत्तर: डॉक्टर के अनुसार मोहन को कब्ज हुई थी।
(ङ) मोहन ने महीना भर क्या किया?
उत्तर: मोहन ने महीने भर मोज की ।
ऐसे-ऐसे का बोधमूलक प्रश्न (Analytical Questions)
(क) मोहन बीमारी का बहाना क्यों बनाता है?
उत्तर: मोहन बीमारी का बहाना इसलिए बनाता है क्योंकि उसे स्कूल नहीं जाना होता था और पढ़ाई से बचना चाहता था।
(ख) वैद्य जी ने मोहन को कौन-कौन सी बीमारी बताई?
उत्तर: वैद्य जी ने मोहन को कब्ज की बताई।
(ग) मोहन की बीमारी को मास्टर साहब कैसे पकड़ लेते हैं?
उत्तर: मास्टर साहब मोहन के झूठे बहानों को पहले से जानते थे और उन्होंने मोहन की हरकतों से समझ लिया कि वह नाटक कर रहा है।
(घ) माँ मोहन के “ऐसे-ऐसे” कहने पर क्यों घबरा रही थी?
उत्तर: माँ को लगा कि मोहन को सच में कोई गंभीर बीमारी हो गई है, इसलिए वह घबरा गई।
(ङ) ऐसे कौन-कौन से बहाने होते हैं जिन्हें मास्टर जी एक ही बार में सुनकर समझ जाते हैं? ऐसे कुछ बहानों के बारे में लिखो।
उत्तर: मास्टर जी को निम्नलिखित बहाने सुनकर समझ में आ जाता है कि कोई विद्यार्थी झूठ बोल रहा है:
- सिर में दर्द हो रहा है।
- पेट में दर्द हो रहा है।
- हाथ-पैर दुख रहे हैं।
- बुखार आ गया है।
- ठंड लग रही है।
(च) “वाह बेटा जी, वाह! तुमने तो खूब छकाया।” कहने से क्या तात्पर्य है?
उत्तर: इसका तात्पर्य यह है कि मोहन ने बीमारी का झूठा नाटक करके सभी को बेवकूफ बनाया और अंत में पकड़ा गया।
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