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काका कालेलकर
कठोर कृपा का परिचय
“कठोर कृपा” एक प्रेरणादायक कहानी है जो आत्मनिर्भरता और परिश्रम के महत्व को दर्शाती है। यह कहानी सिखाती है कि सच्ची कृपा केवल उन्हीं पर होती है जो कठिन परिश्रम करते हैं और अपने जीवन की ज़िम्मेदारी खुद उठाते हैं। नीचे इस कहानी से संबंधित महत्वपूर्ण बहुविकल्पीय प्रश्न, लघु उत्तरीय प्रश्न, बोधमूलक प्रश्न और भाषा-बोध प्रश्न दिए गए हैं।
कठोर कृपा का बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs) उत्तर सहित
(क) “कठोर कृपा” कहानी के लेखक कौन हैं?
- (1) मुंशी प्रेमचंद्र
- (2) काका कालेलकर
- (3)जयशंकर प्रसाद
उत्तर: काका कालेलकर ✅
(ख) “अच्छे खानदान” में कितने भाई थे?
- (i) एक
- (ii) तीन
- (iii) चार
उत्तर: चार ✅
(ग) चारों भाई कैसे थे?
- (i) हुनरमंद और पढ़े-लिखे
- (ii) बेवकूफ
- (iii) आलसी
उत्तर: हुनरमंद और पढ़े-लिखे✅
(घ) कुंजड़िन (सब्ज़ी बेचने वाली) घर में क्या लेने आती थी?
- (i) आम
- (ii) सहिजन
- (iii) केला
उत्तर: सहिजन ✅
(ङ) मेहमान ने सहिजन के पेड़ को कैसे काटा?
- (i) तलवार से
- (ii) कुल्हाड़ी से
- (iii) चाकू से
उत्तर: कुल्हाड़ी से ✅
कठोर कृपा का लघु उत्तरीय प्रश्न
(क) किसी शहर में कैसा खानदान रहता था?
उत्तर: शहर में एक प्रतिष्ठित और धनवान खानदान रहता था।
(ख) किनकी जायदाद और धन-दौलत बरबाद हो चुकी थी?
उत्तर: अच्छे खानदान की जायदाद और धन-दौलत पूरी तरह से बरबाद हो चुकी थी।
(ग) किनके घर में गरीबी दिन-ब-दिन बढ़ रही थी?
उत्तर: चारों भाइयों के घर में गरीबी दिन-ब-दिन बढ़ रही थी।
(घ) क्या कारण था कि बीबी को अपने सारे गहने बेचने पड़े?
उत्तर: परिवार के पास कोई आमदनी का स्रोत नहीं था, जिसके कारण बीबी को अपने सारे गहने बेचने पड़े।
(ङ) घर के बगीचे में किस चीज़ का पेड़ था?
उत्तर: घर के बगीचे में सहिजन का पेड़ था।
कठोर कृपा का बोधमूलक प्रश्न
(क) चारों भाई हुनरमंद होने के बावजूद काम-धंधा क्यों नहीं कर पाते थे?
उत्तर: चारों भाई अपने पूर्वजों की संपत्ति पर निर्भर थे और मेहनत करने में रुचि नहीं रखते थे। उनकी आलस्य भरी सोच ने उन्हें बेरोजगार बना दिया था।
(ख) परिवार का गुज़ारा चलाने के लिए वे क्या करते थे?
उत्तर: वे अपनी बची हुई संपत्ति और गहने बेचकर किसी तरह गुज़ारा कर रहे थे।
(ग) मेहमान ने क्या सुझाव दिया?
उत्तर: मेहमान ने सुझाव दिया कि भाइयों को मेहनत करके खुद का जीवन सुधारना चाहिए, बजाय इसके कि वे अपने पूर्वजों की संपत्ति पर निर्भर रहें।
(घ) मेहमान ने पेड़ को क्यों काट डाला?
उत्तर: मेहमान ने पेड़ इसलिए काटा ताकि परिवार को यह एहसास हो कि वे सिर्फ एक सहिजन के पेड़ पर निर्भर नहीं रह सकते। उन्हें मेहनत करके अपने जीवन को सुधारना होगा।
(ङ) पेड़ काटने का क्या परिणाम हुआ?
उत्तर: जब सहिजन का पेड़ कट गया, तो भाइयों को अपनी गलती का एहसास हुआ और उन्होंने मेहनत करके अपने जीवन को सुधारने का संकल्प लिया।
(च) “आपने हमारा सहिजन का पेड़ नहीं काटा, हमारी काहिली और बदकिस्मती को काटकर फेंक दिया था।” इस कथन का क्या तात्पर्य है?
उत्तर: इस कथन का अर्थ है कि मेहमान ने पेड़ काटकर उनकी निर्भरता खत्म कर दी और उन्हें मेहनत करने की प्रेरणा दी, जिससे वे अपनी बदकिस्मती को दूर कर सके।
कठोर कृपा का विचार और कल्पना पर आधारित प्रश्न
(क) कठोर कृपा उन्हीं पर होती है जो श्रम और मेहनत की ज़िंदगी जीते हैं। इस कथन का अर्थ स्पष्ट करें।
उत्तर: यह कथन बताता है कि जो लोग कठिन परिश्रम करते हैं और आत्मनिर्भर बनते हैं, उन्हें ही वास्तविक सफलता मिलती है। भाग्यशाली वही होते हैं जो अपने जीवन में संघर्ष और मेहनत को अपनाते हैं।
(ख) क्या तुमने कभी ऐसा परिवार देखा है? अगर हां, तो उसके बारे में संक्षेप में लिखो।
उत्तर: हां, मैंने कुछ परिवार देखे हैं जहां बच्चे अपने माता-पिता की संपत्ति पर निर्भर रहते हैं और मेहनत नहीं करते। धीरे-धीरे उनकी आर्थिक स्थिति खराब हो जाती है, और उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इस कहानी की तरह, मेहनत ही जीवन की सच्ची पूंजी होती है।
कठोर कृपा का भाषा-बोध (व्याकरण संबंधी प्रश्न)
(क) प्रस्तुत पाठ में से पाँच-पाँच संज्ञा, सर्वनाम एवं विशेषण शब्दों को छाँटकर लिखिए।
संज्ञा: शहर, खानदान, बगीचा, पेड़, सहिजन
सर्वनाम: वे, उनका, तुम्हारा, यह, हम
विशेषण: कठोर, गरीब, हुनरमंद, आलसी, मेहनती
(ख) निम्नलिखित शब्दों के विलोम (विपरीत अर्थ वाले शब्द) लिखिए।
अच्छा – बुरा
शहर – गाँव
गरीबी – अमीरी
नीचे – ऊपर
दो – एक
निष्कर्ष
“कठोर कृपा” कहानी हमें यह सिखाती है कि आलस्य और दूसरों पर निर्भरता से कुछ भी हासिल नहीं होता। असली सफलता केवल मेहनत और संघर्ष से मिलती है। यह कहानी हर व्यक्ति को आत्मनिर्भर बनने और अपने जीवन की ज़िम्मेदारी खुद उठाने का संदेश देती है।
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