Table of Contents
Toggleदीवार का चित्र
.दीवार का चित्र कहानी का सर अपने शब्दो में लिखो :
१. दीवार का चित्र कहानी में देश की दशा :
बहुत समय पहले की बात है। उस समय देश में घने जंगल थे। लोग गाँव में रहते थे। कृषि और शिकार किया करते थे। लोगो के दिन बहुत ख़ुशी से बीत रहा था। उसी गाँव में एक शिकारी भी रहता था। शिकारी बहुत खतरनाक था। सारे जानवर उससे डरते थे। शिकारी पेड़ो के फल खता पक्षियों का शिकार करता और मौज से रहता था.
२. दीवार का चित्र कहानी में शिकारी और बाघ की मुलाकात :
एक दिन शिकारी और बाघ की मुलाकात हुई। दोनों बहुत खुश हुए। देर तक बात चली ,और दोनों मित्र बन गए। फिर वो लोग रोज़ मिलने लगे। इसी तरह उनकी मित्रता आगे बड़ी। एक दिन शिकारी ने उसे अपने घर चलने को कहा। शिकारी ने कहा तुम चलोगे तो मुझे अच्छा लगेगा। सीकरी की बात सुनकर बाघ उसके घर चलने को तैयार हो गया।
३.दीवार का चित्र कहानी में बाघ शिकारी के घर जाता है:
दोनों जंगल के रास्ते रवाना हुए। जंगल को पार कर मैदानों में। मैदान में फसलों से भरे खेत थे। जिसके पास ही शिकारी का घर था। बाघ घर में प्रवेशकर घर की मिट्टी वाली फर्श पर बैठ गया। अहा:, कितना आराम लगा। शिकारी ने लोटे में भरकर तालाब का ठंडा पानी लाया। बाघ ने जीभ से चाट चाट कर लोटे के पानी को पिया और मित्र की ओर अपनी बड़ी-बड़ी आँखों को टिकाया।
४. बाघ की नज़र दीवार का चित्र पर जाती है :
अचानक ही बाघ ने दीवार पर टैंगे हाथ से बने एक चित्र को देखा। देखा, एक शिकारी आदमी खड़ा है, उसके हाथ में तीर-धनुष है और जमीन पर एक बाघ लेटा है। शिकारी बड़ी-बड़ी आँखों से देख रहा है, लगता है जैसे उसने कोई बहुत बड़ा कार्य किया हो। शिकारी बहुत खुश हुआ और उसने कहा, ‘मेरे दादाजी, बहुत बड़े शिकारी थे। देखो उन्होंने किस तरह इतने बड़े बाघ को मारकर पाँवों के नीचे रख दिया है। दादाजी बाघ तेंदुआ-चीता किसी से डरते नहीं थे। बहुत बड़े शिकारी थे। मेरे पिताजी भी बहुत बड़े शिकारी थे। मैं भी शिकारी हूँ…।’
५.बाघ दीवार का चित्र को देख कर कहता है :
बाघ ने जम्हाई… लेते हुए कहा, ‘चित्र को किसने बनाया है ?’ शिकारी ने कहा, ‘मेरे पिताजी ने। वे बहुत बड़े शिकारी ही नहीं बल्के बहुत अच्छे चित्रकार भी थे। अच्छी चित्रकारी भी करतेथे।’
बाघ ने कहा, ‘हाँ, वह तो मैं देख ही रहा हूँ… । तो क्या इसे मनुष्य ने बनाया है ?’ शिकारी ने कहा, ‘क्या… कहते हो भाई, मेरे पिताजी तो मनुष्य ही थेरोशनी जलगई नामेरे पिताजी वे, मनुष्य के अलावा और क्या होंगे ?’ अपनी मूछों के नीचे मृदु मुस्कान लाते हुए बाघ ने कहा कि, ‘चित्र को यदि किसी बाघ ने बनाया होता तब तो दृश्य ही कुछ दूसरा होता।’
१. एक वाक्य में उत्तर दो।
१.१. दीवार पर बनाए गए चित्र तुमने कहाँ-कहाँ देखे हैं?
उत्तर:दीवार पर बनाए गए चित्र हमने किताबों पर देखा है ।
१.२. बहुत दिनों पहले आदमी / मनुष्य कहाँ रहता था ?
उत्तर:उन दिनों लोग जंगल के किनारे गाँव में रहते थे।
१.३. उस समय उसके दिन कैसे कटते थे ?
उत्तर:खेती-बारी करते, जंगलों में शिकार करते।
.सही उत्तर पर टिक लगाओ
४.१. दीवार पर टंगे चित्र को (शिकारी/ शिकारी के पिता/ शिकारी के दादा / बाघ) ने बनाया था।
४.२. बहुत दिनों पहले हमारे देश में बहुत (घने जंगल / मरुभूमि / बड़े-बड़े पहाड़ / विशाल समुद्र) थे।
४.३. जंगल के पशु-पक्षी शिकारी से (प्रेम करते / घृणा करते / डरते / उपहास करते) थे।
४.४. कहानी का बाघ (गाना गाता / कहानी कहता / चित्र बनाता / बातें करता) था।
४.५. शिकारी ने बाघ को (गरम दूध / शरबत / ठंडा पानी / चाय) पीने के लिए दिया।
दीवार का चित्र importance question /ans
उत्तर :उन दिनों लोग जंगल के किनारे गाँव में रहते थे।
उत्तर :शिकारी जंगल के किनारे गॉँव में रेहता था।
उत्तर :जंगल के जानवर शिकारी से डरते थे।
उत्तर :शिकारी की मुलाकात बाघ से होती है।
उत्तर :दिवार का चित्र शिकारी के पिता जी ने बनाया था।
notice :-दिवार का चित्र क्लास 3 की कहानी है। इस article लिखने के लिए हमने west bengal sylabus के पाठबहार पुस्तक का help लिए। हमारा उद्देश्य केवल छात्रों को शिक्षित करना है। Google से गुजारिश है हमारे post को रैंक करे और छात्रों को शिक्षित करने में हमारी मदद करे।