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1.प्राचीन इतिहास की धारा का बेमेल शब्दों को ढूँढकर बाहर निकालो:
1.1) ताँबा, काँसा, पत्थर (बेमेल), लोहा।
👉 पत्थर बेमेल शब्द है क्योंकि अन्य सभी धातुएँ हैं।
1.2) घोड़ा, हाथी, गेंडा, साँड़ (बेमेल)।
👉 साँड़ बेमेल शब्द है क्योंकि अन्य सभी जंगली जानवर हैं।
1.3) कालिबंगान, मेहरगढ़, बनवाली, ढोलाविरा (बेमेल)।
👉 ढोलाविरा बेमेल शब्द है क्योंकि यह गुजरात में स्थित है, जबकि अन्य स्थल राजस्थान और बलूचिस्तान में हैं।
2.प्राचीन इतिहास की धारा का सही और गलत वाक्यों की पहचान करें:
2.1) लिपि का व्यवहार सभ्यता का एक वैशिष्ट्य है। ✅ (सही)
👉 हड़प्पा सभ्यता में लिपि का उपयोग किया जाता था।
2.2) मेहरगढ़ सभ्यता का आविष्कार दयाराम साहनी ने किया। ❌ (गलत)
👉 मेहरगढ़ सभ्यता की खोज एफ. आर. आल्लचिन (F. R. Allchin) ने की थी।
2.3) हड़प्पा सभ्यता प्राक् ऐतिहासिक युग की सभ्यता है। ❌ (गलत)
👉 हड़प्पा सभ्यता ऐतिहासिक युग की सभ्यता थी क्योंकि इसकी खुदाई से लेख, नगर निर्माण और व्यापार के प्रमाण मिले हैं।
2.4) हड़प्पा के लोग लिखना जानते थे। ✅ (सही)
👉 हड़प्पा सभ्यता में चित्रलिपि (Pictographic Script) का उपयोग किया जाता था।
3. प्राचीन इतिहास की धारा का सटीक शब्दों का चुनाव कर रिक्त स्थानों की पूर्ति करें:
3.1) हड़प्पा सभ्यता के घर बनते थे (जली हुई ईंट से)।
3.2) हड़प्पा सभ्यता (ताँबा और ब्रोंज युग) की सभ्यता थी।
3.3) भारतीय उपमहाद्वीप के हड़प्पा में ही (प्रथम नगर) देखा गया था।
4. प्राचीन इतिहास की धारा अपनी भाषा में सोचकर उत्तर लिखें:
4.1 जिस शहर को आप जानते हैं, उसके और हड़प्पा सभ्यता के शहर के बीच समानता और अंतर बताइए।
👉 हड़प्पा सभ्यता के शहरों की सड़कें चौड़ी और सीधी थीं, जो आज के आधुनिक शहरों की तरह सुव्यवस्थित थीं। लेकिन हड़प्पा के शहरों में जल निकासी प्रणाली बहुत उन्नत थी, जबकि आज भी कई शहरों में उचित जल निकासी की समस्या बनी रहती है।
4.2 सिंधु नदी के किनारे हड़प्पा सभ्यता के शहर क्यों विकसित हुए थे?
👉 सिंधु नदी के किनारे हड़प्पा सभ्यता के शहर इसलिए विकसित हुए क्योंकि वहाँ जल, उपजाऊ भूमि और परिवहन की सुविधाएँ उपलब्ध थीं। नदी के कारण कृषि उत्पादन अधिक था, जिससे व्यापार और नगरों का विकास हुआ।
4.3 हड़प्पा सभ्यता में किस प्रकार के घर मिले हैं? उन घरों में कौन रहते थे?
👉 हड़प्पा सभ्यता में ईंटों से बने घर मिले हैं, जिनमें कई कमरे, आँगन और जल निकासी प्रणाली थी। इन घरों में व्यापारी, कारीगर और समाज के अन्य लोग रहते थे। कुछ बड़े घर उच्च वर्ग के लोगों के थे।
4.4 क्या हड़प्पा सभ्यता के लोग साफ-सफाई के प्रति सचेत थे? हम उनसे क्या सीख सकते हैं?
👉 हाँ, हड़प्पा सभ्यता के लोग साफ-सफाई के प्रति सचेत थे। उनकी जल निकासी व्यवस्था, स्नानागार और कूड़े के लिए अलग स्थान दर्शाते हैं कि वे सफाई को बहुत महत्व देते थे।
हम उनसे ये बातें सीख सकते हैं:
- जल निकासी प्रणाली को सुधारना।
- कचरा प्रबंधन को विकसित करना।
- सार्वजनिक स्थानों की सफाई बनाए रखना।
- नालियों और जल स्रोतों को स्वच्छ रखना।
5. प्राचीन इतिहास की धारा का स्वयं करो:
5.1) हड़प्पा सभ्यता के शहर और लोगों का जीवन कैसा था?
👉 एक चित्र बनाकर उसमें निम्नलिखित चीजें शामिल करें:
- घर, सड़के, जल निकासी व्यवस्था
- लोग व्यापार करते हुए, मिट्टी के बर्तन बनाते हुए
- किसान खेतों में काम करते हुए
- व्यापारी बैलगाड़ी से सामान ले जाते हुए
5.2) हड़प्पा सभ्यता के विभिन्न प्राचीन निर्देशावली का मॉडल बनाओ।
👉 निर्देशावली बनाने के लिए सुझाव:
- मिट्टी या थर्मोकोल से हड़प्पा लिपि की पट्टिकाएँ बनाएं।
- पुरानी मुहरों की नकल तैयार करें।
- हड़प्पा सभ्यता के स्नानागार और घरों का मॉडल बनाएं।
👉 हड़प्पा सभ्यता के अध्ययन से हमें क्या सीख मिलती है?
- यह हमें बताता है कि प्राचीन समय में लोग कितने संगठित और स्वच्छता के प्रति सचेत थे।
- हमें यह सीखने को मिलता है कि व्यापार, नगर नियोजन और जल निकासी कितनी महत्वपूर्ण थी।
- हमें अपने पर्यावरण और स्वच्छता का ध्यान रखना चाहिए, जैसा कि हड़प्पा के लोग करते थे।
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