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बरसात के दिन कहानी उषा जोशी ने लिखा है।

Table of Contents

बरसात के दिन

  उषा जोशी

(Q ) बरसात के दिन कहानी का सारांश अपने शब्दों में लिखो :

. बरसात के दिन कहानी में बिन्नू का बगीचा का परिचय :

बिन्नू अपने बगीचे में खेल रहा था। बिन्नू का बाग बहुत सुंदर था। तरह-तरह के फूल थे उस बाग में। उन फूलों पर रंग-बिरंगी तितलियां आ बैठती तो बिन्नू उनको पकड़ने के लिए दौड़ पड़ता।

. बरसात के दिन कहानी में बिन्नू और उसके माँ के बिच बात :

एक बार दौड़ते-दौड़ते बिन्नू माँ के पास गया। उसने पूछा, “माँ, तुम क्या कर रही हो ?”माँ ने कहा, ” मैं फूलों के पौधे लगा रही हूँ।”बरसात के दिनों में पौधे जल्दी जड़ पकड़ लेते हैं। खूब पानी मिलने से नयी-नयी कोंपलें फूट आती हैं।

. बरसात के दिन कहानी में अचानक बिजली चमकी :

इसी बीच बिजली चमकी। बिन्नू ने ऊपर देखा। काले काले बादल छा रहे थे। थोड़ी देर में सारा आकाश बादलों से ढक गया। टप-टप कर बूंदे गिरने लगीं। बिन्नू और उसकी माँ बरामदे में आकर बरसात का आनंद लेने लगे। कुछ देर में बरसात थम गयी। बादलों के पीछे से सूरज निकल आया। बिन्नू फिर बाग में दौड़ गया।

. बरसात के दिन कहानी में इंद्रधनुष निकला :

उसने आकाश की तरफ देखा तो वह दंग रह गया। आकाश के इस छोर से उस छोर तक सुंदर-सुदंर रंगोंवाला धनुष तना हुआ था। बिन्नू ने माँ को पुकार कर पूछा, “माँ, यह क्या है?”माँ ने कहा, “बेटे इसे इंद्रधनुष कहते हैं। हवा में तैरती पानी की बूंदों पर सूरज की किरणों के पड़ने से यह दिखायी देता है।

. बरसात के दिन कहानी में बिन्नू की माँ इंद्रधनुष की कहानी सुनती है :

बिन्नू ने कहा, “माँ, मुझे इंद्रधनुष की कहानी सुनाओ न ।”माँ कहानी सुनाने लगीं, “एक महात्मा के आश्रम में सात नटखट बालक थे। वे आप आपस में हर समय झगड़ा  करते थे अपना बड़प्पन जताने लगा। एक बार वे सब इसी तरह झगड़ा करने लगे ।

. लाल रंग का बालक बोला:-

श्रेष्ठ सभी में मैं, क्या पाओगे पार सेब-टमाटर, देखो तुम, तरबूज-अनार।”

. बोला फिर बालक नारंगी रंगी:-

“गेहूँ, संतरा गाजर सबमें मेरा नाम, मैं तो करता इन सबका काम।”

. फिर बोला बालक पीला:-

 

“फल में खाओ अमरूद नहीं तो केले । सूर्यमूखी, गुलाब में मेरे रंग हैं फैले।”

. बारी आई हरे-भरे बालक की:-

 

“रहता हूँ हर एक जगह जहाँ कहीं हरियाली । आम हो कच्चा, इमली कच्ची या तोते की बोली।”

. आसमानी बालक बोला लगे हाथ:-

- "ऊपर आँख उठा देखो आसमान मैं हूँ बड़ा उसी के समान ।"

. अब बारी थी बैंगनी बालक की:-

“वहाँ रखे हैं जामुन, अंगूर, बैंगन”

. वे सारे बालक आपस में झगड़ रहे थे तभी एक महात्मा वहाँ आ पहुँचे।

बरसात के दिन कहानी उषा जोशी ने लिखा है।

उन्होंने कहा, “बच्चों, तुम क्यों झगड़ रहे हो, झगड़ा करना अच्छी बात नहीं। अच्छे बच्चे झगड़ा नहीं करते।”

सभी बच्चे शांत हो गये। बालकों ने झगड़े का कारण महात्मा को बताया और पूछने लगे, “बताएँ अब हममें सबसे अच्छा कौन है?”महात्मा ने हँसकर कहा, “बच्चों तुम सब समान हो, मिल-जुल कर हँसी-खुशी से रहो तो तुम और भी सुंदर नजर आओगे। तुम सब मिलकर ही तो इंद्रधनुष बने हो। कोई तुम्हें तोड़ नहीं सकता।

. महात्मा का कहना सभी बालकों ने मान

महात्मा का कहना सभी बालकों ने मान लिया और वे हाथ पकड़कर आकाश में साथ-साथ हँसी-खुशी घूमने लगे।जब भी ये सात बालक साथ खड़े नजर आते हैं तो इन्द्रधनुष दिखाई देता है। ऊपर लाल और सबसे नीचे बैंगनी।

.बरसात के दिन कहानी में इंद्रधनुष देख क्र बचे ख़ुशी से नाचने लगे :

हमेशा सूरज की उलटी दिशा में। दोपहर के समय इंद्रधनुष कभी नहीं दिखाई देता।कभी-कभी दोहरा इंद्रधनुष भी दिखायी देता है। आम तौर पर लाल रंग सबसे ऊपर होता है और बैंगनी सबसे नीचे। परन्तु जब दोहरा दिखायी देता है तो दूसरे इंद्रधनुष में यह क्रम उलटा होता है यानी लाल रंग सबसे नीचे होता है, बैंगनी सबसे ऊपर।

इंद्रधनुष देखकर सभी बच्चे प्रसन्न होते हैं। मोर नाचने लगता है। और चारों तरफ आनंद ही आनंद छा जाता है। ऐसा लगता है जैसे सातों नटखट बच्चे साथ-साथ खेल रहे हों- कभी लाल आगे, कभी बैंगनी।

१. बरसात के दिन कहानी के प्रशन का संक्षेप में उत्तर दो।

१.१. बिन्नू कहाँ खेल रहा था ?

उत्तर :बिन्नू अपने बगीचे में खेल रहा था। 

१.२. फूलों के ऊपर कौन आकर बैठतीं ?

उत्तर :उन फूलों पर रंग-बिरंगी तितलियां आ बैठती ।

१.३. बिन्नू की माँ क्या कर रही थी ?

उत्तर :बिन्नू की मां फूलों का पौधा लगा रही थी ।

१.४. आकाश किससे ढक  गया ?

उत्तर :आकाश बादलों से ढक  गया ।

१.५. बिन्नू किसे देखकर दंग रह गया ?

उत्तर :बिन्नू इंद्रधनुष को देखकर दंग रहेगा  ।

१.६. महात्मा के आश्रम में कितने बालक थे ?

उत्तर :महात्मा के आश्रम में सातबालक थे  ।

२. कोष्ठक में लिखे सही उत्तर के ऊपर (✔) लगाओ।

२.१. इन्द्रधनुष (जमीन / आकाश / हवा) में दिखाई देता है।

२.२. आकाश (काले-पीले / काले-नीले / काले काले) बादलों से भर गया।

२.३. माँ, मुझे इन्द्रधनुष की (गाथा / लेख / कहानी) सुनाओ न।

२.४. वे सारे बालक आपस में (मिल / झगड़ा कर / खेल) रहे थे।

२.५. सभी बालकों ने महात्मा का कहना (सुन / जान / मान) लिया।

 

 

३. संक्षिप्त उत्तर लिखो।

३.१. बरसात के दिनों में पौधे जल्दी जड़ पकड़ लेते हैं क्यों ?

उत्तर : बरसात के दिनों में पौधे जल्दी जड़ इसलिए पकड़ लेते हैं क्योंकि मिट्टी नरम होती है और उसमें पानी की मात्रा अधिक होती है जिससे ज्यादा पानी की आवश्यकता नहीं होती है और पौधे जल्दी-जल्दी जड़ पकड़ लेते हैं ।

३.२. काले-काले बादल किस मौसम या ऋतु में अधिक छाते हुए देखते हो ?

उत्तर :काले काले बादल बरसात के मौसम में अधिक छाते हुए दिखाई देते हैं।

३.३. इन्द्रधनुष कब दिखाई देता है? कैसे बनता है?

उत्तर :बरसात के मौसम में जब पानी गिर कर बंद हो जाती है और सूरज निकलता है तब इंद्रधनुष दिखाई पड़ता है

३.४. नटखट बालकों की तरह क्या तुमने भी कभी बड़प्पन जताया है?

उत्तर :हां नटखट बालों को की तरह आपने भी बड़ा पान बताया है।

 

. बरसात के दिन कहानी का importance question /ans

उत्तर :उन बालकों के नाम  लाल .नारंगी ,पीला, हरा, आसमानी, नीला और बेगानी है  ।

उत्तर :सभी बालक आपस में झगड़ा कर रहे थे ।

उत्तर :उन्होंने कहा, “बच्चों, तुम क्यों झगड़ रहे हो, झगड़ा करना अच्छी बात नहीं। अच्छे बच्चे झगड़ा नहीं करते।”

उत्तर :“बताएँ अब हममें सबसे अच्छा कौन है?”

उत्तर :महात्मा ने हँसकर कहा, “बच्चों तुम सब समान हो, मिल-जुल कर हँसी-खुशी से रहो तो तुम और भी सुंदर नजर आओगे।

उत्तर :हां महात्मा से उत्तर प्रकार वे संतुष्ट हो गए और आसमान में हाथ पकड़ कर साथ घूमने लगे ।

उत्तर :महात्मा का कहना सभी बालकों ने मान लिया और वे हाथ पकड़कर आकाश में साथ-साथ हँसी-खुशी घूमने लगे।जब भी ये सात बालक साथ खड़े नजर आते हैं तो इन्द्रधनुष दिखाई देता है। 

उत्तर :सातों बालक जब एक साथ खड़े होते हैं तो इंद्रधनुष दिखाई देता है  ।

उत्तर :जब तेज बारिश होती है तब इंद्रधनुष दिखाई नहीं देता है ।

उत्तर :इंद्रधनुष के कुल रंगों की संख्या सात है ।

उत्तर :सबसे ऊपर लाल रंग और सबसे नीचे बैगनी रंग होता है ।

notice :-बरसात के दिन कहानी  उषा जोशी ने लिखा है।  इस article  लिखने के लिए हमने west  bengal  sylabus  के पाठबहार  पुस्तक का help लिए। हमारा उद्देश्य केवल छात्रों को शिक्षित करना  है। Google से गुजारिश है हमारे post को रैंक करे और छात्रों को शिक्षित करने में  हमारी मदद करे। 

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