Table of Contents
Toggleभारत और समकालीन वहिविश्व
भारत और समकालीन पाठ का बेमेल शब्दों को ढूँढकर निकालो
1.1) भृगुकच्छ, कल्याण, सोपारा, ताम्रलिप्त।
👉 बेमेल शब्द: कल्याण (अन्य सभी प्राचीन बंदरगाह थे, जबकि कल्याण मुख्य रूप से एक नगर के रूप में प्रसिद्ध था।)
1.2) वृद्धयश, कुमारजीव, परमार्थ, सुयान जोग।
👉 बेमेल शब्द: सुयान जोग (अन्य सभी प्रसिद्ध बौद्ध विद्वान थे, जबकि सुयान जोग का ऐसा कोई उल्लेख नहीं मिलता।)
1.3) अलेक्जेंडर, सेल्यूकस, कनिष्क, मीनान्दार।
👉 बेमेल शब्द: कनिष्क (अन्य सभी यूनानी शासक थे, जबकि कनिष्क एक कुषाण सम्राट था।)
भारत और समकालीन पाठ का ‘क’ स्तंभ के साथ ‘ख’ स्तंभ को मिलाकर लिखो
क-स्तंभ | ख-स्तंभ |
---|---|
नक्स-ए-रूस्तम | प्रथम दरायबौष |
भृगुकच्छ | नर्मदा नदी |
प्रथम आन्टिकस | सीरिया |
भारत और समकालीन पाठ का सही शब्दों का चुनाव करके रिक्त स्थानों की पूर्ति करो
3.1) हेरोडोटस के अनुसार इंदस पारसिक साम्राज्य का एक प्रदेश था।
3.2) इंडो-ग्रीक को शकदेव कहा जाता है।
3.3) सेंट थॉमस ईसाई धर्म के प्रचार के लिए भारतीय उपमहाद्वीप में गंडोफारनेस के शासनकाल में आए।
भारत और समकालीन पाठ का अपनी भाषा में सोचकर लिखो (तीन/चार लाइनें)
4.1) अलेक्जेंडर द्वारा भारतीय उपमहाद्वीप के अभियान का मौर्य साम्राज्य के विस्तार पर प्रभाव
उत्तर 👉 अलेक्जेंडर के भारत अभियान ने मौर्य साम्राज्य के विस्तार को प्रभावित किया। उसने उत्तर-पश्चिम भारत के कई छोटे राज्यों को हराया, जिससे चंद्रगुप्त मौर्य को उन क्षेत्रों पर अधिकार करने में मदद मिली। उसके सेनापति सेल्यूकस से संधि कर मौर्य साम्राज्य को बल मिला और यूनानी प्रभाव भी बढ़ा।
4.2) शक-कुषाणों के आगमन से पहले भारतीय समाज और संस्कृति
उत्तर 👉 शक-कुषाणों के आने से पहले भारतीय समाज वैदिक संस्कृति, बौद्ध धर्म और जैन धर्म से प्रभावित था। इस समय सामाजिक व्यवस्था में वर्ण व्यवस्था प्रचलित थी, और कला, साहित्य व व्यापार समृद्ध था। विभिन्न जनजातियाँ और राज्य स्वतंत्र रूप से शासन कर रहे थे।
4.3) प्राचीन भारतीय उपमहाद्वीप के दूसरे क्षेत्रों से संपर्क और शिक्षा की भूमिका
उत्तर👉 प्राचीन भारत का यूनान, रोम, चीन और मध्य एशिया से व्यापार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान होता था। नालंदा और तक्षशिला जैसे शिक्षा केंद्रों में विदेशी छात्र पढ़ने आते थे, जिससे बौद्ध धर्म और भारतीय ज्ञान विदेशों तक पहुँचा। यह संपर्क भारतीय खगोलशास्त्र, चिकित्सा और दर्शन के प्रसार में सहायक रहा।
भारत और समकालीन पाठ का स्वयं करो
5.1) नौवें अध्याय की मुद्राओं और छठे अध्याय की मुद्राओं में समानता और असमानता
👉 समानता: दोनों अध्यायों की मुद्राओं में राजा या शासक की छवि, राजचिह्न और देवताओं के चित्र अंकित होते थे।
👉 असमानता: नौवें अध्याय की मुद्राएँ अधिक परिष्कृत और विस्तृत होती हैं, जबकि छठे अध्याय की मुद्राएँ साधारण एवं शुरुआती दौर की होती हैं।
5.2) फाहियान और सुयान जोग की भारत यात्रा का मानचित्र अध्ययन और तालिका
स्थान | फाहियान | सुयान जोग |
---|---|---|
तक्षशिला | ✅ | ❌ |
पाटलिपुत्र | ✅ | ✅ |
नालंदा | ✅ | ✅ |
उज्जयिनी | ✅ | ❌ |
कांचीपुरम | ❌ | ✅ |
मथुरा | ✅ | ❌ |
notice : इस article लिखने के लिए हमने west bengal sylabus के अतीत और परम्परा class -6 की पुस्तक का help लिए। हमारा उद्देश्य केवल छात्रों को शिक्षित करना है। Google से गुजारिश है हमारे post को रैंक करे और छात्रों को शिक्षित करने में हमारी मदद करे।