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स्वच्छता और स्वास्थ्य

(Q )स्वच्छता और स्वास्थ्य का महत्तव :

. स्वच्छता और स्वास्थ्य में घनिष्ठ संबंध :

१.१०     स्वच्छता और स्वास्थ्य कैसे एक दूसरे के पूरक है? अच्छी तरह सोचकर लिखो। में घनिष्ठ संबंध है। शरीर को स्वच्छ करने से स्वास्थ्य अच्छा रहता है, चिन्त प्रसन्न रहता है और काम करने में मन लगता है। स्वच्छ वस्त्र पहनने से हम सुन्दर दिखते हैं लोग प्यार से मिलते है और समाज में सम्मान मिलता है। शरीर और वस्त्र की स्वच्छता की महत्ता समझने वाला व्यक्ति आसानी से सभी जगह प्रवेश पाता है।

.शरीर की सफाई स्वच्छता और स्वास्थ्य का पहला नियम है :

शरीर को साफ करने के कार्य प्रातः उठते ही पूरे कर लेने चाहिए, बिस्तर छोड़ते हीनित्यकर्म से निवृत्त हो जाना चाहिए। 

उसके बाद दाँत साफ करने चाहिए। दाँत साफकरने के लिए नीम, बबूल या कीकर आदि किसी पेड़ की दातुन अच्छी होती है, जिसे चबाने से मुलायम कूची बनती है। दातुन को चबाने और उसकी कूची से रगड़ने पर दाँतों का व्यायाम हो जाता है, उनकी सफाई हो जाती है तथा उनकी जड़ों को पोषक तत्त्व मिल जाते हैं। यदि दातुन आसानी से न मिल सके तो बारीक दंतमंजन का उपयोग किया जा सकता है। ऊँगली पर मंजन रखकर रगड़ने से दाँतों और मसूड़ों का व्यायाम हो जाता है। वे चमक जाते हैं और उन्हें पोषक तत्त्व भी मिल जाते हैं। आजकल दाँतों की सफाई अधिकतर ब्रश और पेस्ट से की जाती है।

दाँतों की सफाई के बाद नियमपूर्वक स्नान करना चाहिए। वैसे तो सामान्य पानी से ही स्नान करना चाहिए, लेकिन बीमारी या कमजोरी की हालत में या सर्दी के दिनों में गुनगुने गर्म पानी से स्नान करना चाहिए। स्नान करते समय शरीर को गीले मुलायम तौलिए से अच्छी तरह रगड़ लेना चाहिए जिससे शरीर का सारा मैल छूट जाए। उसके बाद सूखे साफ तौलिए से शरीरऔर बालों के पानी को अच्छी तरह पाँछ लेना चाहिए। 

.कपडे और माकन की सफाई स्वच्छता और स्वास्थ्य का दूसरा नियम है :

परन्तु केवल शरीर की सफाई ही हमारे लिए काफी नहीं है। हमें पहनने के कपड़े, रहने के मकान और काम में आनेवाली सभी चीजों को भी साफ रखना चाहिए। उतारे गए कपड़ों को नियमित रूप से हमें धो लेना चाहिए।

. स्वच्छता और स्वास्थ्य में आँख, नाक और बालों की सफाई भी महत्पूर्ण भूमिका निभाती है :

आँख, नाक और बालों की सफाई की ओर भी हमें ध्यान देना चाहिए। स्नान के बाद यदि आधे घंटे तक नियमपूर्वक व्यायाम कर लिया जाए तो हम स्वस्थ बने रह सकते हैं। यदि उसके बाद पंद्रह मिनट खुली हवा में टहल लिया जाए तो चित्त प्रसन्न हो जाता है और शरीर स्फूर्ति से भर जाता है। फिर हलके नाश्ते के बाद हम अपने कार्य आरम्भ कर सकते हैं।

. स्वच्छता और स्वास्थ्य सबसे बड़ा शत्रु आलस्य है:

स्वच्छता और स्वास्थ्य

     स्वच्छता और स्वास्थ्य का सबसे बड़ा शत्रु आलस्य है। हम आलस्यवश इसे टाल जाते हैं। जहाँ चाहते हैं, थूक देते हैं, कूड़ा-करकट फेंक देते है। यदि हरएक आदमी अपने कमरे की सफाई करके कूड़ा-करकट कमरे के बाहर डाल दे तो मकान गंदा रहेगा। यदि लोग अपने घरों की सफाई करें, लेकिन कूड़ा घरों के बाहर डाल दें या मुहल्ले के पास फेंक दें तो नगर गन्दा रहेगा। इसलिए यह आवश्यक है कि हमलोग ऐसा प्रयत्न करें कि हमारे कमरे, घर, मुहल्ले और पूरा नगर साफ रहे। 

इसके लिए हमें व्यक्तिगत सफाई के साथ-साथ सामूहिक सफाई कार्य की भी व्यवस्था करनी चाहिए। एक बात और है। केवल बाहरी सफाई से ही हमारा काम नहीं चल सकता। हमें अपने मन को भी साफ रखना चाहिए। इसके लिए भय, छल-कपट, बेईमानी, झूठ बोलने, दूसरों को हानि पहुँचाने या छोटा समझने की भावना आदि से दूर रहना होगा। साथ ही हमें अपने परिश्रम की ही रोटी खाने का प्रयल करना होगा। अच्छे लोगों की संगति, अच्छी पुस्तकों को पढ़ने और परिश्रम करने से मन स्वच्छ और स्वस्थ रहता है।

स्वच्छ शरीर, वस्त्र, मन और खुला मस्तिष्क- ये चारों हमारी सफलता के स्तंभ हैं, जिनपर व्यक्ति और समाज की इमारत दृढ़ता से खड़ी है।

. स्वच्छता और स्वास्थ्य का question /ans

 

१.१. स्वच्छता से क्या लाभ है? 

उत्तर :शरीर को स्वच्छ करने से स्वास्थ्य अच्छा रहता है, चिन्त प्रसन्न रहता है और काम करने में मन लगता है। स्वच्छता और स्वास्थ्य का घनिष्ट सम्बन्ध है  स्वच्छता और स्वास्थ्य कैसे एक दूसरे के पूरक है स्वच्छता और स्वास्थ्य मनुष्य के जीवन में महान भूमिका निभाती है। 

 

 

१.२. स्वच्छ वस्त्र पहनने के क्या लाभ है?

उत्तर :स्वच्छ वस्त्र पहनने से हम सुन्दर दिखते हैं लोग प्यार से मिलते है और समाज में सम्मान मिलता है। शरीर और वस्त्र की स्वच्छता की महत्ता समझने वाला व्यक्ति आसानी से सभी जगह प्रवेश पाता है।

 

१.३. इस पाठ में दाँतों की सफाई पर अधिक बल क्यों दिया गया है?

उत्तर :इस पाठ में दांतों की सफाई पर अधिक बल इसलिए दिया गया है,क्योंकि दांत अस्सलामस्वस्थ में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है हम लोग जो भी कहते हैं ।दांत से ही चबाकर कहते हैं दांत हमारे शरीर का महत्वपूर्ण अंग है ।

 

१.४. हमें स्नान करते समय किन-किन बातों पर ध्यान देना चाहिए?

उत्तर :हमें स्नान करते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए ।जैसे अपने हाथों और पैरों को साबुन से धोना चाहिए।और साथ ही साथ बाल और शरीर के विभिन्न अंगों को अच्छी तरह साबुन से साफ करना चाहिए फिर से साफ कर लिए से सुखाकरतेल लगाना चाहिए ।

 

१.५. नियमित रूप से व्यायाम करने के क्या लाभ है?

उत्तर :नियमित रूप से व्यायाम करने के बहुत सारे लाभ है।जिसे करने अमित रूप से व्यायाम करने से बीमारियों से बचा जा सकता है। शरीर को स्वस्थ रखा जा सकता है, और देखते हैं शरीर आकर्षित लगता है।

 

१.६. हमें शरीर और वस्त्र की सफाई के अलावा घर और उसके आस-पास की सफाई क्यों करनी चाहिए?

उत्तर :हमारे शरीर और वस्त्र की सफाई के साथ-साथ हमें घर की आसपास के  अच्छी तरह से करना चाहिए ।

क्योंकि घर के आसपास का पर्यावरण है यदि गंदा रहता है तो उसे हमारे स्वास्थ्य को गहरा प्रभाव पड़ता है और हमें निम्नलिखित बीमारियों का सामना करना पड़ता है 

 

 

१.६. हमें शरीर और वस्त्र की सफाई के अलावा घर और उसके आस-पास की सफाई क्यों करनी चाहिए?

उत्तर :हमारे शरीर और वस्त्र की सफाई के साथ-साथ हमें घर की आसपास के  अच्छी तरह से करना चाहिए ।

क्योंकि घर के आसपास का पर्यावरण है यदि गंदा रहता है तो उसे हमारे स्वास्थ्य को गहरा प्रभाव पड़ता है और हमें निम्नलिखित बीमारियों का सामना करना पड़ता है 

 

१.७. हम मन और मस्तिष्क कैसे साफ रख सकते है ?

उत्तर :केवल बाहरी सफाई से ही हमारा काम नहीं चल सकता। हमें अपने मन को भी साफ रखना चाहिए। इसके लिए भय, छल-कपट, बेईमानी, झूठ बोलने, दूसरों को हानि पहुँचाने या छोटा समझने की भावना आदि से दूर रहना होगा। साथ ही हमें अपने परिश्रम की ही रोटी खाने का प्रयल करना होगा। अच्छे लोगों की संगति, अच्छी पुस्तकों को पढ़ने और परिश्रम करने से मन स्वच्छ और स्वस्थ रहता है।

 

१.८. साफ-सुथरा रहने में कौन बाधक है?

उत्तर :साफ सुथरा रहने में आलस से बाधक है ।

 

१.९. किन स्तंभों के आधार पर हम सफलता प्राप्त कर सकते हैं?

उत्तर:आलस को त्याग कर कठिन परिश्रम करके सफलता प्राप्त कर सकते हैं ।

 

१.१०     स्वच्छता और स्वास्थ्य कैसे एक दूसरे के पूरक है? अच्छी तरह सोचकर लिखो।

 

उत्तर :    स्वच्छता और स्वास्थ्य एक दूसरे के पूर्वक है क्योंकि यदि हम अपने आसपास का वातावरण और खुद को स्वच्छ रखेंगे तभी एक स्वस्थ जीवन पाएंगे।

 

notice : स्वच्छता और स्वास्थ्य  पाठ class -3 का  है। इस article लिखने के लिए हमने west bengal sylabus के पाठबहार पुस्तक का help लिए। हमारा उद्देश्य केवल छात्रों को शिक्षित करना है। Google से गुजारिश है हमारे post को रैंक करे और छात्रों को शिक्षित करने में हमारी मदद करे।

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1 thought on “स्वच्छता और स्वास्थ्य”

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