Digital coaching classes for West Bengal students

doshti kahani

दोस्ती

.दोस्ती कहानी का सारांश अपने सब्दो में लिखो :

१.दोस्ती कहानी में देवा का परिचय :

एक गाँव था उस गाँव में नौ साल का देवा रहता था। एक बार उसे बहुत तेज बुखार आया था। उसे पोलियो हो गया जिससे उसके पैर खराब  हो गए।   वह  स्कूल नहीं जाता था,  खेल नहीं पाता था। जब वह चार साल का था तब  उसे पोलियो की दवा नहीं पिलाई गई थी। वह मिट्टी के बहुत सुन्दर -सुन्दर  खिलौने बनाता था। 

 

२.दोस्ती कहानी में देवा के मित्र का परिचय :

सुरु, दुलारी और अनवर देवा के मित्र थे। सुरु बहुत सुरीले गाने गाता था। दुलारी सबकी प्यारी थी और अनवर तो पढ़ने का बहुत शौकीन था ।सुरु, दुलारी और अनवर जब देवा के घर के सामने चोर-सिपाही खेलते, तब देवा उन्हें बड़े ध्यान से खेलते देखता था।और खेल का आनंद लेता। किसी के पकड़े जाने पर अपने दोस्तों के साथ जोर-जोर से ‘पकड़ लिया-पकड़ लिया’ चिल्लाता, फिर देर तक हँसता रहता।

३.दोस्ती कहानी में बच्चे देवा का पैर देख कर उदास हो जाते है :

बच्चे देवा के साथ खेलना चाहते थे, पर उसके पैर देख कर उदास हो जाते। वह सोचते थे कि अगर कोई जादूगर होता तो वह उससे देवा के पैर ठीक करने को कहेंगे।एक देवा के मित्र खेलने नहीं आए। देवा हर दिन की तरह अपने दोस्तों की प्रतीक्षा कर रहा था। उस दिन देवा दुखी था क्यूंकि उसके दोस्त नहीं आए थे।

४.दोस्ती कहानी में बच्चे राघव दादा से बैशाखियाँ बनाने को कहते है:

वे फौरन राघव बढ़ई के घर पहुँचे और बोले, “दादा जी, क्या आप इनसे देवा के लिए बैसाखी बना सकते हैं?दादा जी टहनियाँ देख कर बोले, “यह लकड़ी कमजोर है। तुम लोग इसी तरह कुछ मजबूत लकड़ियाँ ले आओ।”बच्चे अगले दिन फिर जंगल गए और अबकी बार आम की मजबूत लकड़ियाँ लेकर लौटे। राघव दादा ने दो बैसाखियाँ तैयार कर दीं।

५. दोस्ती कहानी में देवा बेशखियों के सहरे खेल पाता है :

बैसाखी लेकर बच्चे भागते हुए देवा के पास आए। “देवा देवा, अब तुम हमारे साथ खेल सकते हो, ” वे बोले। दुलारी बोली, “देखो, मैं तुम्हें चल कर दिखाती हूँ।” दुलारी ने बैसाखियों से चल कर दिखाया।बच्चों ने देवा को सहारा देकर उठाया। बैसाखियाँ लेकर देवा चलने की कोशिश कर रहा था, पर बैसाखियाँ उसके कंधे के नीचे गड़ रही थी। बच्चों ने तुरन्त पुराना कपड़ा बैसाखियों के हत्थे पर लपेट दिया।अब देवा धीरे-धीरे आराम से चल रहा था। वह बोला, “अब तो मैं भी तुम्हारे साथ खेल सकूँगा और स्कूल चल सकूँगा।” बच्चों की खुशी का ठिकाना न रहा। वे अपने प्यारे दोस्त के चारों तरफ नाचने लगे।

.दोस्ती कहानी का question /ans

दोस्ती class 3 की कहानी है।१.१. नौ साल का कौन था ?

उत्तर :  नौ साल का देव था ।

१.२. उसे क्या हो गया था ?

उत्तर : उसे पोलियो हो गया जिससे उसके पैर खराब हो गए।

१.३. अनवर को किसका शौक था ?

उत्तर :अनवर को पढ़ने का शौक था ।

१.४. देवा के मित्रों का नाम बताओ।

उत्तर :सुरु, दुलारी और अनवर देवा के मित्र थे। 

१.५. बच्चे क्यों उदास हो जाते ?

उत्तर :बच्चे देवा के साथ खेलना चाहते थे, पर उसके पैर देख कर उदास हो जाते।

१.६. बच्चे कहाँ गए थे?

उत्तर :बच्चे जंगल गए थे । 

१.७. बच्चों ने वहाँ से क्या लाया ?

उत्तर :बच्चे वहां से लड़कियां लेकर आए ।

१.८. उससे क्या बनाया गया ?

उत्तर :उसे बैसाखी बनाएं ।

१.९. राघव दादा कौन सा काम करते थे?

उत्तर :राघव दादा बढ़ई  का काम करते थे ।

१.१०. बैसाखी लेकर बच्चों ने देवा से क्या कहा ?

उत्तर :बैसाखी लेकर बच्चे भागते हुए देवा के पास आए। “देवा देवा, अब तुम हमारे साथ खेल सकते हो, ” वे बोले। दुलारी बोली, “देखो, मैं तुम्हें चल कर दिखाती हूँ।” दुलारी ने बैसाखियों से चल कर दिखाया।

१.११. बैसाखी के सहारे चलने पर खुश होकर देवा ने बच्चों से क्या कहा ?

उत्तर :वह बोला, “अब तो मैं भी तुम्हारे साथ खेल सकूँगा और स्कूल चल सकूँगा।” 

१.१२. तुम्हारे विद्यालय में अगर देवा पढ़ता तो सभी उससे कैसा व्यवहार करते।

उत्तर :हमारे विद्यालय में  अगर देवा पड़ता तो हम सब देवा से प्रेम  पूर्वक मिलजुल कर रहे थे  ।

२ . दिए गए वाक्य के सही शब्द पर (✔) का निशान लगाओ।

 

३.१. वह मिट्टी के (गन्दे / सुन्दर) खिलौने बनाता था।

३.२. उसके पैर देखकर (खुश / उदास) हो जाते।

३.३. वे (देर से / फौरन) राघव बढ़ई के घर पहुँचे।

३.४. बच्चों ने देवा को (खींचकर / सहारा) देकर उठाया।

३.५. वे अपने प्यारे दोस्त के चारों तरफ (नाचने / कूदने) लगे।

.दोस्ती कहानी का importance question

उत्तर :वह मिट्टी के बहुत सुन्दर खिलौने बनाता था। 

उत्तर :उसके पैर  पोलियो की बीमारी से खराब हो गए थे। 

उत्तर :पोलियो से बचने के लिए बचपन में पोलियों की दवाइयां खा लेनी चाहिए । 

उत्तर : बच्चे सोचते थे कि देवा  क्यों हमारी तरह चल नहीं सकता हमारे साथ खेल नहीं सकता । 

उत्तर :दोस्ती कहानी में देवा को चलता हुआ देखकर बच्चे खुश हो थे  ।

उत्तर :दोस्ती कहानी में दादाजी से बच्चों ने बैशाखियाँ बनाने के लिए कहा ।

उत्तर :दुलारी ने बैसाखियों से चल कर दिखाया।

उत्तर :उसके कंधे के नीचे गड़ रही थी। बच्चों ने तुरन्त पुराना कपड़ा बैसाखियों के हत्थे पर लपेट दिया।

उत्तर :बैसाखी के सारे चलने के बाद देवा  बहुत खुश हुआ ।

उत्तर : देवा  को चलता  देखकर बच्चे खुशी से नाचने लगे । 

notice :-दोस्ती class 3  की कहानी  है। इस article  लिखने के लिए हमने west  bengal  sylabus  के पाठबहार  पुस्तक का help लिए। हमारा उद्देश्य केवल छात्रों को शिक्षित करना  है। Google से गुजारिश है हमारे post को रैंक करे और छात्रों को शिक्षित करने में  हमारी मदद करे। 

educatedindia786.com

Amazon

"Love Amazon? Shop through our link and help Educated India empower more students — no extra cost to you!"

educatedindia786.com

Flipkart

"Flipkart fan? Click our link before you buy and support quality education with every purchase!"

jeeodigital.com

JeeoDigital

"Dreaming of a professional website like Educated India? JeeoDigital makes it happen — reach out now!"

educatedindia786.com

free classes

"Struggling with Hindi or English? Not anymore! Join our free basic language courses today!"

class.educatedindia786.com

super course for online earning

🎯 अब कमाना होगा आसान! 📱 सिर्फ मोबाइल से शुरू करें – सीखें 100+ ऑनलाइन कमाई के तरीके, वो भी हिंदी में! 🔥 "Super Course for Online Earning" – घर बैठे कमाई का सुनहरा मौका! 💰 ₹499 में पाएं ₹1,00,000 तक कमाने का फॉर्मूला! 🚀 अभी जॉइन करें 👉 class.educatedindia786.com

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top