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बिहारीलाल
✍️ बिहारी के दोहे – प्रसंग, सन्दर्भ और व्याख्या
**1. मेरी भव-बाधा हरौ राधा नागरि सोइ।
जा तन की झाँई परै स्यामु हरित-दुति होइ।।**
प्रसंग :
कवि बिहारीजी यहाँ राधा की महिमा का गान कर रहे हैं।
सन्दर्भ :
‘बिहारी सतसई’ से लिया गया यह दोहा राधा की दिव्य आभा और उनकी शक्ति का चित्रण करता है।
व्याख्या :
कवि प्रार्थना करता है कि मेरी जन्म-मरण की बाधा को राधा ही हरें। उनके तन की छाया मात्र पड़ने से श्यामसुंदर (कृष्ण) भी हरे-भरे होकर और भी सुंदर दिखने लगते हैं। राधा को जीवनदायिनी शक्ति के रूप में दिखाया गया है।
**2. तो पर बारौं उरबसी, सुनि, राधिके सुजान।
तू मोहन कै उर बसी, है उरबसी समान।।**
प्रसंग :
इस दोहे में कवि ने राधा की श्रेष्ठता और सौंदर्य का वर्णन किया है।
सन्दर्भ :
‘बिहारी सतसई’ के श्रृंगार रस प्रधान दोहों में से एक है।
व्याख्या :
कवि कहता है कि उर्वशी अप्सरा तो स्वर्ग में है, परंतु राधा तुम कृष्ण के हृदय में वास करती हो। इसलिए वास्तविक और सच्ची उर्वशी तो तुम ही हो। यह राधा के सौंदर्य व श्रेष्ठता की महिमा है।
**3. नहिं परागु नहिं मधुर मधु, नहिं बिकासु इहिं काल।
अली, कली ही सौं बँध्यों, आगें कौन हवाल।।**
प्रसंग :
यहाँ बिहारीजी ने प्रणय-व्याकुलता का सुंदर चित्रण किया है।
सन्दर्भ :
‘बिहारी सतसई’ का यह श्रृंगार रस का दोहा है।
व्याख्या :
कवि कहता है कि न फूल खिले हैं, न सुगंध है, न ही फूलों का मधु है, फिर भी भौंरा कली से बँध गया है। आगे क्या होगा? — यह प्रश्न उठता है। इस दोहे से संकेत मिलता है कि प्रेम का आकर्षण प्रारंभ से ही बलवान होता है।
**4. पत्रा ही तिथि पाइयै, वा घर कै चहुँ पास।
नितप्रति पून्यौई रहे, आनन-ओप-उजास।।**
प्रसंग :
यहाँ राधा के घर और वातावरण की सुंदरता का वर्णन है।
सन्दर्भ :
‘बिहारी सतसई’ से लिया गया श्रृंगार रस का उदाहरण है।
व्याख्या :
कवि कहता है कि राधा के घर में तो पत्र (पत्रिका) ही अपने आप आ जाती है। वहाँ का वातावरण ऐसा है कि मानो प्रतिदिन पूर्णिमा का चाँद चमक रहा हो और चारों ओर मुख-मंडल की आभा से उजाला फैला हो।
**5. या अनुरागी चित्त की, गति समुझै नहिं कोइ।
ज्यौं ज्यों बूड़े स्याम रंग, त्यौं त्यौं उज्जलु होई।।**
प्रसंग :
कवि ने यहाँ प्रेम की अद्भुत स्थिति का चित्रण किया है।
सन्दर्भ :
‘बिहारी सतसई’ का यह प्रसंग प्रेम-भाव से सम्बंधित है।
व्याख्या :
कवि कहता है कि अनुरागी हृदय की गति को कोई नहीं समझ सकता। जितना अधिक कृष्ण-प्रेम में मन डूबता है, उतना ही हृदय पवित्र और उज्ज्वल हो जाता है।
**6. मोहन मूरति स्याम की अति अद्भुत गति जोइ।
बसतु सु चिर-अंतर, तऊ प्रतिबिंबितु जग होइ।।**
प्रसंग :
इस दोहे में कृष्ण की सर्वव्यापकता का चित्रण है।
सन्दर्भ :
‘बिहारी सतसई’ से लिया गया भक्ति रस प्रधान दोहा है।
व्याख्या :
कवि कहता है कि कृष्ण की अद्भुत मूर्ति ऐसी है कि यद्यपि वे कहीं दूर रहते हैं, फिर भी उनका प्रतिबिंब संसार में हर जगह दिखाई देता है। यह कृष्ण के सर्वत्र होने का संकेत है।
**7. दृग उरझत-टूटत कुटुम, जुरत चतुर चिर प्रीति।
परति गाँठि दुरजन हियें, दई, नई यह रीति।।**
प्रसंग :
कवि ने यहाँ सज्जन और दुर्जन के हृदय की स्थिति का वर्णन किया है।
सन्दर्भ :
‘बिहारी सतसई’ का नीति प्रधान दोहा है।
व्याख्या :
कवि कहता है कि सज्जन के नेत्र मिलने से प्रेम की गाँठ जुड़ जाती है और प्रेम दृढ़ हो जाता है, परंतु यदि वही गाँठ दुर्जन के हृदय में पड़ जाए तो वह टूट जाती है। यह नई रीति है।
**8. बतरस-लालच लाल की, मुरली धरी लुकाइ।
सौह करें भौहनु हँसै, दैन कहै नटि जाइ।।**
प्रसंग :
यहाँ कृष्ण की मुरली-लीला का चित्रण है।
सन्दर्भ :
‘बिहारी सतसई’ के श्रृंगार रस से जुड़ा दोहा है।
व्याख्या :
कवि कहता है कि कृष्ण ने गोपियों की बात सुनने की लालसा से मुरली छिपा दी। वे अपनी भौंहों से संकेत करते हैं, होंठों से मुस्कुराते हैं और कहते हैं कि दान दिए बिना नहीं जाया जाएगा।
**9. इन दुखिया औखयानु कौं, सुखु सिरज्यौई नांहि।
देखै बनै न देखते, अनदेखे अकुलाँहि।।**
प्रसंग :
कवि ने यहाँ प्रेम की व्यथा का वर्णन किया है।
सन्दर्भ :
‘बिहारी सतसई’ का वियोग रस प्रधान दोहा है।
व्याख्या :
कवि कहता है कि प्रेम-दुखियों के लिए कोई सुख उत्पन्न ही नहीं हुआ। प्रिय को सामने देखना कठिन है और न देख पाने पर व्याकुलता होती है। प्रेमियों की स्थिति हर हाल में दुखमय है।
**10. चिरजीवौ जोरी, जुरै क्यों न सनेह गंभीर।
को घटि, ए वृषभानुजा, वे हलधर के वीर।।**
प्रसंग :
यहाँ राधा और कृष्ण के गहन प्रेम का उल्लेख है।
सन्दर्भ :
‘बिहारी सतसई’ का श्रृंगार वियोग रस से जुड़ा दोहा है।
व्याख्या :
कवि कहता है कि राधा और कृष्ण का गहन स्नेह चिरकाल तक जीवित रहेगा। राधा (वृषभानुजा) कहो कि ऐसा गहरा प्रेम क्यों न हो, जब कि उनके प्रिय कृष्ण बलराम जैसे पराक्रमी के भाई हैं। यह दोनों के अटूट मिलन की छवि प्रस्तुत करता है।
📘 बिहारी के दोहे : MCQs
कवि परिचय आधारित प्रश्न
बिहारी का जन्म कब हुआ था?
(a) संवत् 1603 के आसपास
(b) संवत् 1503 के आसपास
(c) संवत् 1620 के आसपास
(d) संवत् 1700 के आसपास
👉 उत्तर : (a) संवत् 1603 के आसपासबिहारी का जन्म कहाँ हुआ था?
(a) आगरा
(b) ग्वालियर
(c) दिल्ली
(d) जयपुर
👉 उत्तर : (b) ग्वालियरबिहारी किस जाति से संबंधित थे?
(a) ब्राह्मण (माथुर चौबे/चतुर्वेदी)
(b) कायस्थ
(c) राजपूत
(d) वैश्य
👉 उत्तर : (a) ब्राह्मण (माथुर चौबे/चतुर्वेदी)बिहारी के पिता का नाम क्या था?
(a) जयसिंह
(b) केशवराय
(c) जहाँगीर
(d) चतुर्वेदी
👉 उत्तर : (b) केशवरायबिहारी के गुरु कौन थे?
(a) सूरदास
(b) तुलसीदास
(c) आचार्य केशवदास
(d) रसखान
👉 उत्तर : (c) आचार्य केशवदासबिहारी किस मुगल सम्राट के कृपापात्र रहे?
(a) अकबर और जहाँगीर
(b) जहाँगीर और शाहजहाँ
(c) औरंगज़ेब और अकबर
(d) बहादुर शाह और शाहजहाँ
👉 उत्तर : (b) जहाँगीर और शाहजहाँबिहारी जयपुर में किस राजा के दरबार में आश्रित हुए?
(a) सवाई माधोसिंह
(b) जयसिंह
(c) मानसिंह
(d) राजाराम
👉 उत्तर : (b) जयसिंह‘बिहारी सतसई’ किस रस प्रधान कृति है?
(a) भक्ति रस
(b) श्रृंगार रस
(c) वीर रस
(d) करुण रस
👉 उत्तर : (b) श्रृंगार रसबिहारी की रचनाशैली को किस नाम से जाना जाता है?
(a) मुक्तक काव्य
(b) खंडकाव्य
(c) महाकाव्य
(d) नाटक
👉 उत्तर : (a) मुक्तक काव्यबिहारी की मृत्यु कब हुई?
(a) सन् 1663 ईस्वी
(b) सन् 1650 ईस्वी
(c) सन् 1700 ईस्वी
(d) सन् 1720 ईस्वी
👉 उत्तर : (a) सन् 1663 ईस्वी
दोहों पर आधारित प्रश्न
बिहारी के दोहों का संग्रह किस नाम से प्रसिद्ध है?
(a) सतसई
(b) बिहारी सतसई
(c) श्रृंगार मंजरी
(d) रसिक प्रिया
👉 उत्तर : (b) बिहारी सतसईबिहारी ने कितने दोहे रचे थे?
(a) लगभग 500
(b) लगभग 700
(c) लगभग 750
(d) लगभग 1000
👉 उत्तर : (c) लगभग 750“गागर में सागर भरना” कहावत किस कवि की विशेषता बताई गई है?
(a) तुलसीदास
(b) बिहारी
(c) कबीर
(d) सूरदास
👉 उत्तर : (b) बिहारीबिहारी सतसई में कौन-कौन से विषय मिलते हैं?
(a) नीति, भक्ति, श्रृंगार
(b) केवल नीति
(c) केवल श्रृंगार
(d) केवल भक्ति
👉 उत्तर : (a) नीति, भक्ति, श्रृंगारबिहारी के अनुसार –
“सतसैया के दोहरे, ज्यौ नाविक के तीर।
देखने में छोटे लगें, घाव करें गंभीर।।“
इसका अभिप्राय क्या है?
(a) दोहे लम्बे और सरल होते हैं
(b) दोहे छोटे पर गहरे प्रभावशाली होते हैं
(c) दोहे कठिन और अर्थहीन होते हैं
(d) दोहे केवल श्रृंगार के होते हैं
👉 उत्तर : (b) दोहे छोटे पर गहरे प्रभावशाली होते हैं📘 बिहारी के दोहे : MCQs (16–50)
दोहा-आधारित प्रश्न
16.
“मेरी भव-बाधा हरौ राधा नागरि सोइ।
जा तन की झाँई परै स्यामु हरित-दुति होइ ।।”
इस दोहे में कवि ने किससे प्रार्थना की है?
(a) सीता से
(b) राधा से
(c) दुर्गा से
(d) गंगा से
👉 उत्तर : (b) राधा से17. उपरोक्त दोहे में कौन-सा रस है?
(a) श्रृंगार रस
(b) भक्ति रस
(c) वीर रस
(d) करुण रस
👉 उत्तर : (b) भक्ति रस18. “तो पर बारौं उरबसी, सुनि, राधिके सुजान।
तू मोहन कै उर बसी, है उरबसी समान ।।”
इस दोहे में किस अलंकार का प्रयोग है?
(a) उपमा
(b) रूपक
(c) अनुप्रास
(d) श्लेष
👉 उत्तर : (a) उपमा19. बिहारी ने राधा की तुलना किससे की है?
(a) पार्वती
(b) उर्वशी
(c) लक्ष्मी
(d) सीता
👉 उत्तर : (b) उर्वशी20.
“नहिं परागु नहिं मधुर मधु, नहिं बिकासु इहिं काल।
अली, कली ही सौं बँध्यों, आगें कौन हवाल ।।”
इस दोहे का मुख्य भाव क्या है?
(a) ऋतु-वर्णन
(b) श्रृंगार की अधीरता
(c) नीति उपदेश
(d) वीरता
👉 उत्तर : (b) श्रृंगार की अधीरता21. उपरोक्त दोहे में “अली” शब्द किसके लिए प्रयोग हुआ है?
(a) कृष्ण के लिए
(b) भौंरे के लिए
(c) अर्जुन के लिए
(d) ग्वाले के लिए
👉 उत्तर : (b) भौंरे के लिए22.
“पत्रा ही तिथि पाइयै, वा घर कै चहुँ पास।
नितप्रति पून्यौई रहे, आनन-ओप-उजास ।।”
यहाँ किसका वर्णन है?
(a) राधा के घर का
(b) बिहारी के घर का
(c) साधु के आश्रम का
(d) कृष्ण के दरबार का
👉 उत्तर : (a) राधा के घर का23. इस दोहे में कौन-सा अलंकार प्रमुख है?
(a) अनुप्रास
(b) उत्प्रेक्षा
(c) उपमा
(d) रूपक
👉 उत्तर : (b) उत्प्रेक्षा24.
“या अनुरागी चित्त की, गति समुझै नहिं कोइ।
ज्यों ज्यों बूड़े स्याम रंग, त्यौं त्यौं उज्जलु होई ।।”
इस दोहे में कौन-सा रस है?
(a) श्रृंगार (संयोग)
(b) श्रृंगार (वियोग)
(c) भक्ति रस
(d) वीर रस
👉 उत्तर : (a) श्रृंगार (संयोग)25. इस दोहे का भाव है –
(a) कृष्ण से मिलने की व्याकुलता
(b) प्रेम में डूबने पर हृदय शुद्ध होता है
(c) राधा का श्रृंगार-वर्णन
(d) नीति का उपदेश
👉 उत्तर : (b) प्रेम में डूबने पर हृदय शुद्ध होता है26.
“मोहन मूरति स्याम की अति अद्भुत गति जोइ।
बसतु सु चिर-अंतर, तऊ प्रतिबिंबितु जग होइ ।।”
यहाँ कौन-सा अलंकार है?
(a) उत्प्रेक्षा
(b) रूपक
(c) अतिशयोक्ति
(d) उपमा
👉 उत्तर : (c) अतिशयोक्ति27. इस दोहे का भाव है –
(a) कृष्ण की मूर्ति सर्वत्र प्रतिबिंबित होती है
(b) कृष्ण केवल वृंदावन में हैं
(c) कृष्ण मनुष्य मात्र हैं
(d) कृष्ण का स्वरूप लुप्त है
👉 उत्तर : (a) कृष्ण की मूर्ति सर्वत्र प्रतिबिंबित होती है28.
“दृग उरझत-टूटत कुटुम, जुरत चतुर चिर प्रीति ।
परति गाँठि दुरजन हियें, दई, नई यह रीति ।।”
यहाँ किसकी चर्चा है?
(a) कृष्ण-राधा की
(b) प्रेमी-प्रेमिका की
(c) सज्जन-दुर्जन के हृदय की
(d) गुरु-शिष्य की
👉 उत्तर : (c) सज्जन-दुर्जन के हृदय की29. इस दोहे में कौन-सा अलंकार है?
(a) श्लेष
(b) अनुप्रास
(c) रूपक
(d) यमक
👉 उत्तर : (a) श्लेष30.
“बतरस-लालच लाल की, मुरली धरी लुकाइ।
सौह करें भौहनु हँसै, दैन कहै नटि जाइ ।।”
यहाँ कृष्ण की कौन-सी लीला चित्रित है?
(a) रास लीला
(b) बाल-लीला
(c) मुरली-लीला
(d) पर्वत धारण लीला
👉 उत्तर : (c) मुरली-लीला31. इस दोहे का रस कौन-सा है?
(a) श्रृंगार
(b) हास्य
(c) अद्भुत
(d) करुण
👉 उत्तर : (a) श्रृंगार32.
“इन दुखिया औखयानु कौं, सुखु सिरज्यौई नांहि।
देखै बनै न देखते, अनदेखे अकुलाँहि ।।”
इस दोहे का भाव है –
(a) दुःख का कारण प्रेम है
(b) प्रेमी-दुःख से ही आनंद उत्पन्न होता है
(c) प्रेम की व्यथा से मुक्ति नहीं
(d) नीति का संदेश
👉 उत्तर : (c) प्रेम की व्यथा से मुक्ति नहीं33.
“चिरजीवौ जोरी, जुरै क्यों न सनेह गंभीर।
को घटि, ए वृषभानुजा, वे हलधर के वीर ।।”
यहाँ ‘वृषभानुजा’ किसे कहा गया है?
(a) कृष्ण को
(b) बलराम को
(c) राधा को
(d) अर्जुन को
👉 उत्तर : (c) राधा को34. इस दोहे में कौन-सा रस है?
(a) श्रृंगार (संयोग)
(b) श्रृंगार (वियोग)
(c) वीर रस
(d) भक्ति रस
👉 उत्तर : (b) श्रृंगार (वियोग)35. बिहारी के अधिकांश दोहे किस रस पर आधारित हैं?
(a) भक्ति रस
(b) श्रृंगार रस
(c) वीर रस
(d) करुण रस
👉 उत्तर : (b) श्रृंगार रस36. बिहारी को किस उपमा से जाना जाता है?
(a) नीति कवि
(b) श्रृंगार कवि
(c) भक्त कवि
(d) वीर कवि
👉 उत्तर : (b) श्रृंगार कवि37. बिहारी सतसई किस प्रकार का ग्रंथ है?
(a) महाकाव्य
(b) मुक्तक काव्य
(c) खंडकाव्य
(d) प्रबंध काव्य
👉 उत्तर : (b) मुक्तक काव्य38. बिहारी के दोहे किस छंद में लिखे गए हैं?
(a) सवैया
(b) रोला
(c) दोहा
(d) सोरठा
👉 उत्तर : (c) दोहा39. बिहारी किस युग के कवि माने जाते हैं?
(a) भक्ति काल
(b) रीति काल
(c) आदिकाल
(d) आधुनिक काल
👉 उत्तर : (b) रीति काल40. बिहारी सतसई में कितने दोहे संगृहीत हैं?
(a) 700 से अधिक
(b) 600
(c) 500
(d) 1000
👉 उत्तर : (a) 700 से अधिक41. बिहारी की रचनाओं में कौन-सा अलंकार सबसे अधिक मिलता है?
(a) उपमा
(b) रूपक
(c) श्लेष
(d) यमक
👉 उत्तर : (c) श्लेष42. बिहारी के दोहे किस बात के लिए प्रसिद्ध हैं?
(a) लम्बाई के लिए
(b) गागर में सागर भरने के लिए
(c) वीरता के लिए
(d) उपदेश के लिए
👉 उत्तर : (b) गागर में सागर भरने के लिए43. बिहारी की पत्नी की मृत्यु के बाद वे कहाँ चले गए थे?
(a) जयपुर
(b) वृंदावन
(c) दिल्ली
(d) आगरा
👉 उत्तर : (b) वृंदावन44. बिहारी ने अपना जीवन किस रस को अधिक दिया?
(a) नीति
(b) श्रृंगार
(c) भक्ति
(d) करुण
👉 उत्तर : (b) श्रृंगार45. बिहारी किस दरबार में एक-एक दोहे पर स्वर्ण मुद्रा पाते थे?
(a) आगरा दरबार
(b) जयपुर दरबार
(c) दिल्ली दरबार
(d) ग्वालियर दरबार
👉 उत्तर : (b) जयपुर दरबार46. बिहारी के दोहों का मुख्य नायक कौन है?
(a) कृष्ण
(b) राम
(c) शिव
(d) बुद्ध
👉 उत्तर : (a) कृष्ण47. बिहारी सतसई में कौन-सी नायिका का विशेष वर्णन है?
(a) अभिसारिका
(b) वासकसज्जा
(c) राधा
(d) विरहिणी
👉 उत्तर : (c) राधा48. बिहारी का निधन कब हुआ?
(a) संवत् 1720
(b) संवत् 1700
(c) संवत् 1650
(d) संवत् 1750
👉 उत्तर : (a) संवत् 172049. बिहारी की रचनाओं की सबसे बड़ी विशेषता क्या है?
(a) अलंकार-प्रधानता
(b) रसहीनता
(c) सरल भाषा
(d) लम्बे छंद
👉 उत्तर : (a) अलंकार-प्रधानता50. बिहारी सतसई को किस श्रेणी का ग्रंथ कहा जाता है?
(a) श्रृंगार रस प्रधान मुक्तक काव्य ग्रंथ
(b) महाकाव्य
(c) वीर रस प्रधान काव्य
(d) भक्ति प्रधान खंडकाव्य
👉 उत्तर : (a) श्रृंगार रस प्रधान मुक्तक काव्य ग्रंथnotice : इस article लिखने के लिए हमने west bengal sylabus के ” हिंदी साहित्य कला संस्कृति और अभिव्यक्ति ” class -11 की पुस्तक का help लिए। हमारा उद्देश्य केवल छात्रों को शिक्षित करना है। Google से गुजारिश है हमारे post को रैंक करे और छात्रों को शिक्षित करने में हमारी मदद करे।