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भारतेंदु हरिश्चंद्र की मुकरियां
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भारतेंदु हरिश्चंद्र की मुकरियां

भारतेंदु हरिश्चंद्र की “मुकरियां” – MCQ प्रश्नोत्तरी

भारतेंदु हरिश्चंद्र की “मुकरियाँ” – प्रसंग, संदर्भ और व्याख्या


1.

मुकरी
सब गुरूजन को बुरी बतावै,
अपनी खिचड़ी अलग पकावै।
भीतर तत्व न झूठी तेजी,
क्यों सखि सज्जन नहिं अँगरेजी।।

प्रसंग

कवि यहाँ अंग्रेजी भाषा के बढ़ते प्रभाव और उसके अंधानुकरण पर व्यंग्य कर रहे हैं।

संदर्भ

उपरोक्त पंक्तियाँ भारतेंदु हरिश्चंद्र की “मुकरियों” से ली गई हैं। इन पंक्तियों में कवि ने अंग्रेजी भाषा और उसके समर्थकों पर व्यंग्य किया है।

व्याख्या (सरलार्थ)

अंग्रेजी जानने वाले लोग अन्य भाषाओं को बुरा बताकर स्वयं को श्रेष्ठ मानते हैं। वे अलग ही व्यवहार करते हैं और भारतीय भाषाओं की अवहेलना करते हैं। अंग्रेजी की चमक-दमक ऊपर से तो आकर्षक लगती है, लेकिन उसमें कोई वास्तविक गहराई नहीं है।


2.

मुकरी
धन लेकर कछु काम न आव,
ऊँची नीची राह दिखाव।
समय पड़े पर सीधै गूंगी,
क्यों सखि सज्जन नहिं सखि चुंगी।।

प्रसंग

कवि यहाँ कर (चुंगी) प्रणाली की भ्रष्टता पर व्यंग्य करते हैं।

संदर्भ

ये पंक्तियाँ भारतेंदु हरिश्चंद्र की “मुकरियों” से उद्धृत हैं। कवि ने चुंगी वसूली की व्यवस्था पर कटाक्ष किया है।

व्याख्या (सरलार्थ)

चुंगी वसूल करने वाले कर्मचारी जनता से धन तो ले लेते हैं लेकिन समय पर उनके किसी काम नहीं आते। कभी ऊँची-नीची राह दिखाते हैं और जरूरत पड़ने पर गूंगे की तरह चुप हो जाते हैं। यह चुंगी व्यवस्था केवल लूटखसोट का साधन है।


3.

मुकरी
सतएँ अठएँ मों घर आवै,
तरह तरह की बात सुनावै।
घर बैठा ही जोड़ै तार,
क्यों सखि सज्जन नहि अखबार।।

प्रसंग

कवि यहाँ अखबार (समाचार पत्र) की विशेषता बताते हैं।

संदर्भ

ये पंक्तियाँ भारतेंदु हरिश्चंद्र की मुकरियों से ली गई हैं। इसमें अखबार की लोकप्रियता और उसकी उपयोगिता का उल्लेख है।

व्याख्या (सरलार्थ)

अखबार रोज़-रोज़ घर आता है और नई-नई बातें सुनाता है। यह घर बैठे ही लोगों को देश-विदेश की खबरों से जोड़ देता है। कवि इसे तार के समान मानते हैं क्योंकि यह शीघ्र सूचना पहुँचाता है।


4.

मुकरी
भीतर भीतर सब रस चूसै,
हँसि हौस के तन मन धन मूसै।
जाहिर बातन मैं अति तेज,
क्यों सखि सज्जन नहिं अँगरेज।।

प्रसंग

इस मुकरी में कवि अंग्रेज शासकों की शोषण प्रवृत्ति पर व्यंग्य करते हैं।

संदर्भ

ये पंक्तियाँ भारतेंदु हरिश्चंद्र की मुकरियों से ली गई हैं। इसमें अंग्रेजों के चालाक और शोषणकारी स्वभाव की ओर इशारा किया गया है।

व्याख्या (सरलार्थ)

अंग्रेज बाहर से बहुत सभ्य और तेज दिखाई देते हैं, पर भीतर-भीतर भारतीय जनता को लूटते रहते हैं। वे भारतीयों की संपत्ति, शक्ति और आत्मबल को धीरे-धीरे चूस लेते हैं। बाहर से हँसते-बोलते हैं, लेकिन असलियत में शोषक हैं।


5.

मुकरी
रूप दिखावत सरबस लूटै,
फंदे मैं जो पड़े न छूटै।
कपट कटारी जिय मैं हुलिस,
क्यों सखि सज्जन नहि सखि पुलिस।।

प्रसंग

कवि यहाँ पुलिस की भ्रष्ट व्यवस्था पर प्रहार करते हैं।

संदर्भ

ये पंक्तियाँ भारतेंदु हरिश्चंद्र की मुकरियों से उद्धृत हैं। इनमें पुलिस की कपटपूर्ण चालाकियों को दर्शाया गया है।

व्याख्या (सरलार्थ)

पुलिस ऊपर से सरल और सभ्य लगती है, लेकिन असल में लोगों को फँसाकर लूटती है। जो एक बार पुलिस के फंदे में फँस जाता है, उसका छूटना कठिन हो जाता है। पुलिस की चालाकी और कपट किसी तेज धार वाले हथियार जैसी है।


6.

मुकरी
मुँह जब लागै तब नहिं छूटै,
जाति मान धन सब कुछ लूटै।
पागल करि मोहिं करे खराब,
क्यों सखि सज्जन नहिं सराब।।

प्रसंग

इस मुकरी में शराब की बुराई और उसके दुष्परिणाम बताए गए हैं।

संदर्भ

ये पंक्तियाँ भारतेंदु हरिश्चंद्र की मुकरियों से ली गई हैं। इनमें शराब से होने वाले नुकसान का चित्रण है।

व्याख्या (सरलार्थ)

शराब की आदत लग जाने पर यह आसानी से छूटती नहीं। यह आदमी का मान-सम्मान, जाति और धन सब छीन लेती है। यह व्यक्ति को पागल बना देती है और उसका जीवन बर्बाद कर देती है।


7.

मुकरी
रूप दिखावत सरबस लूटै,
फंदे मैं जो पड़े न छूटै।
कपट कटारी जिय मैं हुलिस,
क्यों सखि सज्जन नहिं सखि पुलिस।।

प्रसंग

यह मुकरी पाँचवीं मुकरी की पुनरावृत्ति है, जिसमें फिर से पुलिस की चालबाजियों पर व्यंग्य किया गया है।

संदर्भ

उपरोक्त पंक्तियाँ भारतेंदु हरिश्चंद्र की मुकरियों से ली गई हैं।

व्याख्या (सरलार्थ)

पुलिस ऊपर से तो सरल और सहायक लगती है, लेकिन असल में वह जनता को फँसाकर धन लूटती है। जो पुलिस के फंदे में आ जाए, उसका छूटना आसान नहीं है। पुलिस चालाकी और धोखे से लोगों को परेशान करती है।


निष्कर्ष

भारतेंदु हरिश्चंद्र ने इन मुकरियों के माध्यम से अंग्रेजी, चुंगी, अखबार, अंग्रेज, पुलिस और शराब पर तीखा व्यंग्य किया। ये रचनाएँ केवल मनोरंजन नहीं करतीं, बल्कि समाज की कुरीतियों और अंग्रेजी शासन की बुराइयों पर प्रहार भी करती हैं।

कवि परिचय पर आधारित प्रश्न

1. भारतेंदु हरिश्चंद्र का जन्म कब हुआ था?
(a) 1840 ई.
(b) 1850 ई. ✅
(c) 1860 ई.
(d) 1870 ई.

2. भारतेंदु हरिश्चंद्र का जन्म कहाँ हुआ था?
(a) इलाहाबाद
(b) काशी ✅
(c) लखनऊ
(d) पटना

3. भारतेंदु किस जाति परिवार में जन्मे थे?
(a) ब्राह्मण
(b) वैश्य ✅
(c) क्षत्रिय
(d) कायस्थ

4. भारतेंदु हरिश्चंद्र के पिता का नाम क्या था?
(a) गोपालचंद्र ✅
(b) हरिनारायण
(c) बालचंद्र
(d) रामप्रसाद

5. भारतेंदु हरिश्चंद्र की मृत्यु कब हुई थी?
(a) 5 जनवरी 1884
(b) 6 जनवरी 1885 ✅
(c) 7 जनवरी 1886
(d) 10 जनवरी 1887

6. भारतेंदु हरिश्चंद्र की मृत्यु के समय उनकी आयु कितनी थी?
(a) 25 वर्ष
(b) 30 वर्ष
(c) 35 वर्ष ✅
(d) 40 वर्ष

7. भारतेंदु हरिश्चंद्र को हिंदी साहित्य में किस युग का प्रवर्तक माना जाता है?
(a) भक्ति युग
(b) रीति युग
(c) भारतेंदु युग ✅
(d) छायावाद युग

8. भारतेंदु हरिश्चंद्र ने हिंदी साहित्य में किस विधा को नया आयाम दिया?
(a) उपन्यास
(b) नाटक ✅
(c) कहानी
(d) संस्मरण

9. ‘कविवचन सुधा’ पत्रिका का प्रकाशन किसने किया?
(a) महावीर प्रसाद द्विवेदी
(b) भारतेंदु हरिश्चंद्र ✅
(c) प्रेमचंद
(d) बालकृष्ण भट्ट

10. भारतेंदु हरिश्चंद्र ने किस पत्रिका का संपादन नहीं किया?
(a) बालाबोधिनी
(b) कविवचन सुधा
(c) भारतendu पत्रिका
(d) सरस्वती ✅



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मुकरी पर आधारित प्रश्न

11. मुकरी किस प्रकार की रचना है?
(a) वीर रस प्रधान
(b) हास्य-व्यंग्य प्रधान ✅
(c) करुण रस प्रधान
(d) श्रृंगार रस प्रधान

12. मुकरी में मुख्यतः क्या होता है?
(a) प्रेम भाव
(b) मनोरंजन और बुद्धि परीक्षा ✅
(c) युद्ध वर्णन
(d) धार्मिक उपदेश

13. मुकरी किसे कहते हैं?
(a) लंबी कविता
(b) चार पंक्तियों की कविता जिसमें अंतिम पंक्ति में उत्तर छिपा होता है ✅
(c) कहानी का अंश
(d) निबंध

14. भारतेंदु की मुकरियों का मुख्य उद्देश्य क्या था?
(a) केवल मनोरंजन
(b) सामाजिक व्यंग्य ✅
(c) भक्ति भावना
(d) युद्ध भावना

15. भारतेंदु ने अपनी मुकरियों में किस पर प्रहार किया?
(a) किसानों पर
(b) अंग्रेजों की नस्लीय सोच पर ✅
(c) संत समाज पर
(d) शासकों पर


मुकरियों से संबंधित प्रश्न

16. “सब गुरूजन को बुरी बतावै, अपनी खिचड़ी अलग पकावै” – यहाँ किसकी चर्चा है?
(a) चुंगी
(b) अंग्रेजी ✅
(c) अखबार
(d) पुलिस

17. “धन लेकर कछु काम न आव, ऊँची नीची राह दिखाव” – यहाँ क्या कहा गया है?
(a) चुंगी ✅
(b) शराब
(c) पुलिस
(d) अखबार

18. “सतएँ अठएँ मों घर आवै, तरह-तरह की बात सुनावै” – यह किसकी ओर संकेत है?
(a) अंग्रेज
(b) अखबार ✅
(c) चुंगी
(d) शराब

19. “भीतर-भीतर सब रस चूसै, हँसि हौस के तन-मन-धन मूसै” – यह किस पर कटाक्ष है?
(a) चुंगी
(b) अखबार
(c) अंग्रेज ✅
(d) पुलिस

20. “रूप दिखावत सरबस लूटै, फंदे में जो पड़े न छूटै” – यहाँ किसकी बात है?
(a) पुलिस ✅
(b) शराब
(c) चुंगी
(d) अखबार

21. “मुँह जब लागै तब नहिं छूटै, जाति-मान-धन सब कुछ लूटै” – यहाँ किसकी आलोचना है?
(a) शराब ✅
(b) पुलिस
(c) अंग्रेज
(d) चुंगी


गद्यांश-आधारित प्रश्न

22. भारतेंदु की मुकरियाँ किस वर्ग में अधिक लोकप्रिय हुईं?
(a) राजाओं में
(b) आम जन-जीवन ✅
(c) संत समाज में
(d) विदेशी समाज में

23. भारतेंदु हरिश्चंद्र ने नाटक किस भाषा में लिखे?
(a) अवधी
(b) खड़ी बोली हिंदी ✅
(c) ब्रज
(d) संस्कृत

24. भारतेंदु हरिश्चंद्र ने साहित्य के किस रूप का विशेष प्रयोग किया?
(a) गद्य और पद्य दोनों ✅
(b) केवल गद्य
(c) केवल पद्य
(d) केवल नाटक

25. भारतेंदु हरिश्चंद्र किस विधा के रचनाकार नहीं थे?
(a) पत्रकार
(b) कवि
(c) व्यंग्यकार
(d) उपन्यासकार ✅


भारतेंदु हरिश्चंद्र की “मुकरियां” – MCQ (26 से 50)

26. भारतेंदु हरिश्चंद्र का साहित्यिक जीवन कितने वर्षों का था?
(a) लगभग 10 वर्ष
(b) लगभग 15 वर्ष ✅
(c) लगभग 20 वर्ष
(d) लगभग 25 वर्ष

27. भारतेंदु हरिश्चंद्र की प्रसिद्ध उपाधि क्या है?
(a) आचार्य
(b) कविवर
(c) आधुनिक हिंदी साहित्य के जनक ✅
(d) राष्ट्रकवि

28. भारतेंदु हरिश्चंद्र का सबसे बड़ा योगदान क्या है?
(a) हिंदी ग़ज़ल लेखन
(b) हिंदी नाटक और पत्रकारिता ✅
(c) हिंदी उपन्यास लेखन
(d) हिंदी महाकाव्य

29. भारतेंदु हरिश्चंद्र किस भाषा के अच्छे जानकार थे?
(a) हिंदी, संस्कृत, अंग्रेजी, बांग्ला ✅
(b) हिंदी, पंजाबी, अरबी
(c) हिंदी, मराठी, गुजराती
(d) हिंदी, फारसी, उर्दू

30. “लोक जीवन में प्रचलित रचना” किसे कहा गया है?
(a) गीत
(b) मुकरी ✅
(c) कविता
(d) नाटक

31. भारतेंदु हरिश्चंद्र की रचनाओं में किसके प्रति आक्रोश झलकता है?
(a) किसानों के प्रति
(b) अंग्रेजी शासन के प्रति ✅
(c) संत समाज के प्रति
(d) राजाओं के प्रति

32. भारतेंदु हरिश्चंद्र की मुकरियों का स्वर क्या है?
(a) करुण
(b) व्यंग्यात्मक ✅
(c) श्रृंगारिक
(d) वीर

33. “घर बैठा ही जोड़ै तार” – इस पंक्ति में किसकी चर्चा है?
(a) चुंगी
(b) पुलिस
(c) अखबार ✅
(d) अंग्रेज

34. “कपट कटारी जिय मैं हुलिस” – यह किस पर व्यंग्य है?
(a) पुलिस ✅
(b) चुंगी
(c) शराब
(d) अंग्रेज

35. “पागल करि मोहिं करे खराब” – यहाँ किसका प्रभाव बताया गया है?
(a) चुंगी
(b) शराब ✅
(c) पुलिस
(d) अंग्रेज

36. भारतेंदु हरिश्चंद्र की मुकरियों में कौन-सा रस मुख्य है?
(a) श्रृंगार रस
(b) हास्य-व्यंग्य रस ✅
(c) करुण रस
(d) अद्भुत रस

37. मुकरी को और किस नाम से जाना जाता है?
(a) बहुविकल्पी पद ✅
(b) वीर पद
(c) श्रृंगार पद
(d) गद्य-पद्य मिश्रण

38. भारतेंदु हरिश्चंद्र का साहित्य किस काल का प्रतिनिधित्व करता है?
(a) भक्ति काल
(b) रीतिकाल
(c) आधुनिक काल ✅
(d) छायावाद काल

39. भारतेंदु हरिश्चंद्र ने समाज में किस बुराई का विरोध किया?
(a) अशिक्षा ✅
(b) भक्ति आंदोलन
(c) राजतंत्र
(d) छुआछूत

40. भारतेंदु हरिश्चंद्र किस कारण से अल्पायु में निधन को प्राप्त हुए?
(a) दुर्घटना
(b) बीमारी और दुश्चिंता ✅
(c) युद्ध
(d) भूखमरी

41. भारतेंदु की मुकरियाँ किसके लिए मनोरंजक थीं?
(a) केवल विद्वानों के लिए
(b) आम जनता के लिए ✅
(c) सैनिकों के लिए
(d) राजाओं के लिए

42. “भीतर तत्व न झूठी तेजी” – इस पंक्ति का संबंध किससे है?
(a) अंग्रेजी ✅
(b) पुलिस
(c) शराब
(d) चुंगी

43. भारतेंदु हरिश्चंद्र की शैली कैसी थी?
(a) अलंकारिक
(b) व्यंग्यात्मक और यथार्थवादी ✅
(c) धार्मिक
(d) वीरगाथात्मक

44. “मुँह जब लागै तब नहिं छूटै” – यह पंक्ति किस बुराई पर कटाक्ष करती है?
(a) चुंगी
(b) पुलिस
(c) शराब ✅
(d) अंग्रेज

45. भारतेंदु हरिश्चंद्र ने पत्रकारिता के क्षेत्र में कौन-सा महत्त्वपूर्ण योगदान दिया?
(a) कविवचन सुधा पत्रिका ✅
(b) सरस्वती पत्रिका
(c) हंस पत्रिका
(d) जागरण पत्रिका

46. भारतेंदु की रचनाओं में मुख्य उद्देश्य क्या था?
(a) प्रेम का प्रचार
(b) देशप्रेम और सामाजिक सुधार ✅
(c) धार्मिक उपदेश
(d) केवल मनोरंजन

47. “रूप दिखावत सरबस लूटै” – यह किस संस्था पर व्यंग्य है?
(a) चुंगी
(b) पुलिस ✅
(c) शराब
(d) अखबार

48. “समय पड़े पर सीधै गूंगी” – इस पंक्ति में किसकी ओर संकेत है?
(a) चुंगी ✅
(b) शराब
(c) पुलिस
(d) अंग्रेज

49. भारतेंदु हरिश्चंद्र की मृत्यु किस स्थान पर हुई थी?
(a) दिल्ली
(b) लखनऊ
(c) काशी ✅
(d) प्रयागराज

50. भारतेंदु हरिश्चंद्र का साहित्यिक योगदान किस प्रकार का है?
(a) केवल कवि
(b) कवि, नाटककार, पत्रकार, व्यंग्यकार ✅
(c) केवल पत्रकार
(d) केवल उपन्यासकार

notice : इस article लिखने के लिए हमने west bengal sylabus के ” हिंदी साहित्य कला संस्कृति और अभिव्यक्ति ” class -11 की  पुस्तक का help लिए। हमारा उद्देश्य केवल छात्रों को शिक्षित करना है। Google से गुजारिश है हमारे post को रैंक करे और छात्रों को शिक्षित करने में हमारी मदद करे।

 

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