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अपने हाथों अपना काम

अपने हाथों अपना काम CLASS -3 की कहानी

अपने  हाथो अपना काम कहानी  की शुरुवात एक छोटा सा स्टेशन से होती है ,जिसका नाम  करमाटाँड़ । कोई-कोई गाड़ी ही वहाँ रुकती थी। दूर से सीटी की आवाज सुनाई दे रही थी। स्टेशन मास्टर हाथ में लालटेन लिए कमरे से बाहर आए। तभी छुकछुक, छुकछुक करती गाड़ी स्टेशन पर आ रुकी।

.अपने हाथों अपना काम कहानी में ईश्वरचन्द्र शर्मा में स्टेशन मास्टर को इशारा किया :

अपने हाथो अपना काम स्टेशन मास्टर चुप रह गया। बैग को सिर पर रखे वह आदमी जल्दी-जल्दी स्टेशन से बाहर निकला। उसने पूछा- क्या आप यहाँ पहली बार आए हैं?

और बोला- मैं ले चलता हूँ आपका सामान ।

“ठीक है! ठीक है! जल्दी से उठाओ। मुझे पहले ही बहुत देर हो गई है।”

स्टेशन मास्टर ने कुछ कहने को मुँह खोला ही था कि सामान उठाते हुए दूसरे आदमी ने कुछ संकेत किया।

स्टेशन मास्टर चुप रह गया। बैग को सिर पर रखे वह आदमी जल्दी-जल्दी स्टेशन से बाहर निकला। उसने पूछा- क्या आप यहाँ पहली बार आए हैं?

“हाँ। मैं यहाँ एक विशेष व्यक्ति से मिलने आया हूँ।” उस आदमी ने उत्तर दिया। “किससे ?” बैंग सीधा करते हुए उसने फिर पूछा।

“ईश्वरचन्द्र शर्मा से। क्या तुम उन्हें जानते हो ?”

“हाँ, मैं जानता हूँ। पास ही रहते हैं। मैं आपको वहीं ले चलता हूँ”, उसने उत्तर दिया।

.अपने हाथों अपना काम कहानी में उस व्यक्ति ने घर पहुँच कर कहा मैं ही ईश्वरचन्द्र शर्मा हूँ। :

समीप के एक घर में पहुँचकर उसने बैग को एक और रख दिया। कुरसी सामने रखी और कहा- बैठिए। कहिए क्या काम है ईश्वरचन्द्र शर्मा से ? मैं ही ईश्वरचन्द्र शर्मा हूँ।

जब उस आदमी ने यह सुना तो वह ईश्वरचन्द्र शर्मा के चरणों में गिर पड़ा। बोला-मेरा नाम मनमोहन है। मैं आपके दर्शनों के लिए आया था।

“उठो, उठो! आज से यह सीख लो कि अपना काम करने में संकोच नहीं करना चाहिए’, ईश्वरचन्द्र

शर्मा ने उसे उठाते हुए कहा।

ईश्वरचन्द्र शर्मा ही आगे चलकर पण्डित ईश्वरचन्द्र विद्यासागर के नाम से विख्यात हुए।

.अपने हाथो अपना काम कहानी का short question

१.१. स्टेशन का नाम क्या था?

उत्तर :करमाटाँड़ ।

१.२. स्टेशन मास्टर के हाथ में क्या था?

उत्तर :लालटेन ।

१.३. गार्ड ने क्या दिखाया ?

उत्तर :हरी झंडी ।

१.४. किसने पूछा- क्या आप यहाँ पहली बार आये है?

उत्तर :ईश्वरचन्द्र शर्मा  ने ।

 

१.५. मनमोहन किनसे मिलना चाहता था ?

 उत्तर:ईश्वर चंद्र शर्मा से ।

 १.६. मनमोहन को क्या सीख मिली ?

उत्तर: यह सीख लो कि अपना काम करने में संकोच नहीं करना चाहिए ।

 १.७. पाठ के विशेष व्यक्ति कौन है?

उत्तर:  पण्डित ईश्वरचन्द्र विद्यासागर ।

 

.अपने हाथो अपना काम कहानी का संक्षिप्त उत्तर लिखो

२.१. गाड़ी उस स्टेशन से जल्दी क्यों चल पड़ी ?

उत्तर :क्योंकि स्टेशन छोटी थी ।

 २.२. वह आदमी बार-बार ‘कुली-कुली’ क्यों चिल्ला रहा था?

उत्तर: सामान उठाने के लिए वह आदमी कुली कुली चिल्ला रहा था ।

२.३. उसका सामान उठाने वाला व्यक्ति कौन था ?

उत्तर: पण्डित ईश्वरचन्द्र विद्यासागर ।

२.४. उस व्यक्ति ने बैग को क्यों उठाया ?

उत्तर:मनमोहन को सबक सिखाने के लिए की अपना काम अपने हाथों से करना चाहिए ।

२.५. उस व्यक्ति ने स्टेशन मास्टर को चुप रहने का इशारा क्यों किया ?

उत्तर:क्योंकि वहां व्यक्ति ईश्वर चंद्र विद्यासागर था ।

२.६. आगे चलकर वे किस नाम से विख्यात हुए ?

उत्तर:ईश्वरचन्द्र शर्मा ही आगे चलकर पण्डित ईश्वरचन्द्र विद्यासागर के नाम से विख्यात हुए।

.अपने हाथो अपना काम कहानी का importance question

उत्तर :अपने हाथो अपना काम कहानी के प्रमुख पात्र का नाम पण्डित ईश्वरचन्द्र विद्यासागर है। 

उत्तर :अपने हाथो अपना काम में करमाटांड स्टेशन का नाम आया है। 

उत्तर :अपने हाथो अपना काम कहानी में सिटी  की आवाज सुनाई  दे रही थी। 

उत्तर :“अपने हाथों अपना काम” कहानी मे आदमी (मनमोहन) ने ईश्वरचन्द्र  शर्मा के माध्यम से अपने  हाथो अपने  करना  की उचित शिक्षा पाई। 

notice :-अपने हाथों अपना काम class 3  की कहानी है।  इस article  लिखने के लिए हमने west  bengal  sylabus  के पाठबहार  पुस्तक का help लिए। हमारा उद्देश्य केवल छात्रों को शिक्षित करना  है। Google से गुजारिश है हमारे post को रैंक करे और छात्रों को शिक्षित करने में  हमारी मदद करे। 

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