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- श्रीधर पाठक
फूलों से नित हँसना सीखो, भौरों से नित गाना, तरु की झुकी डलियों से नित सीखो शीश झुकाना।
सूरज की किरणों से सीखो जगना और जगाना, लता और वृक्षों से सीखो सबको गले लगाना।
दीपक से सीखो जितना हो सके अंधेरा हरना, पृथ्वी से सीखो जीवों की सच्ची सेवा करना।
जलधारा से सीखो आगे जीवन-पथ पर बढ़ना, और धुएं से सीखो हर दम ऊँचे ही पर चढ़ना।
सत्पुरूषों के जीवन से सीखो चरित्र निज गढ़ना, अपने गुरु से सीखो बच्चों उत्वम विद्या पढ़ना
इनसे सीखो कविता का वस्तुनिष्ठ प्रश्न
(क) फूलों से हमें क्या सीखना चाहिये ?
Ans:-हँसना
(ख) दीपक हमें क्या सिखाते हैं?
Ans:-अँधेरा हरना
(ग) पृथ्वी से हमें क्या शिक्षा लेनी चाहिए?
Ans:-सच्ची सेवा करना
इनसे सीखो कविता का लघुत्तरीय प्रश्न
(क) पेड़ों की झुकी डालियाँ हमें क्या सिखाती हैं?
उत्तर: पेड़ों की झुकी डालियाँ हमें विनम्रता और नम्रता से रहना सिखाती हैं।
(ख) सूरज की किरणें हमें क्या शिक्षा देती हैं?
उत्तर: सूरज की किरणें हमें जगना और दूसरों को जगाने की प्रेरणा देती हैं।
(ग) अपने गुरु से हमें क्या सीखना चाहिए?
उत्तर: अपने गुरु से हमें उत्तम विद्या और नैतिक जीवन जीने की शिक्षा लेनी चाहिए।
(घ) हमारा चरित्र कौन गढ़ता है?
उत्तर: हमारा चरित्र सत्पुरुषों के जीवन और उनके आचरण से गढ़ता है।
इनसे सीखो कविता का बोधमूलक प्रश्नों के उत्तर:
(क) हमारे जीवन में सत्पुरुष और गुरु का क्या योगदान है? स्पष्ट करें।
उत्तर: हमारे जीवन में सत्पुरुष और गुरु का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण है। सत्पुरुष हमें अपने जीवन से नैतिकता, सच्चाई और प्रेरणा प्रदान करते हैं। वहीं, गुरु हमें शिक्षा, मार्गदर्शन और जीवन में सही दिशा दिखाने का कार्य करते हैं।
(ख) दीपक की क्या विशेषता है? हमें उससे क्या शिक्षा लेनी चाहिए?
उत्तर: दीपक की विशेषता है कि वह स्वयं जलकर अंधकार को दूर करता है। हमें दीपक से यह शिक्षा लेनी चाहिए कि अपने सामर्थ्य के अनुसार दूसरों की मदद करें और अज्ञान का अंधकार दूर करें।
(ग) ‘इनसे सीखो’ कविता का मूल भाव स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: ‘इनसे सीखो’ कविता का मूल भाव यह है कि प्रकृति, गुरु, और सत्पुरुषों से प्रेरणा लेकर हमें अपने जीवन को मूल्यवान बनाना चाहिए। यह कविता हमें विनम्रता, सेवा, मेहनत, और नैतिकता का महत्व समझाती है।
(घ) ‘इनसे सीखो’ कविता में किस-किस से क्या सीखने की प्रेरणा दी गई है?
उत्तर: इस कविता में फूलों से हँसना, भौरों से गाना, पेड़ों से झुकना, दीपक से अंधेरा हरना, और पृथ्वी से सेवा करने की प्रेरणा दी गई है।
इनसे सीखो कविता का निर्देशानुसार उत्तर:
(क)फूलों से नित हँसना सीखो, भौरों से नित गाना, तरु की झुकी डलियों से नित सीखो शीश झुकाना।
(i) पाठ और कवि का नाम बताइए।
उत्तर: पाठ का नाम ‘इनसे सीखो’ और कवि का नाम ‘श्रीधर पाठक’ है।
(ii) उपर्युक्त पंक्तियों का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: इस पंक्ति का अर्थ है कि हमें फूलों की तरह विनम्र रहना चाहिए और दूसरों के प्रति आदर और सम्मान दिखाना चाहिए।
(ख) जलधारा से सीखो आगे जीवन-पथ पर बढ़ना, और धुएं से सीखो हर दम ऊँचे ही पर चढ़ना।
(i) जीवन पथ से कवि का क्या तात्पर्य है?
उत्तर: जीवन पथ से कवि का तात्पर्य है जीवन की यात्रा और उसमें आने वाली कठिनाइयों को पार करके निरंतर आगे बढ़ना।
(ii) उपर्युक्त पंक्तियों का भाव स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: इस पंक्ति का भाव यह है कि हमें जलधारा की तरह हर बाधा को पार करते हुए अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते रहना चाहिए।
notice : इनसे सीखो कविता श्रीधर पाठक ने लिखा है। इस article लिखने के लिए हमने west bengal sylabus के साहित्य मेला पुस्तक का help लिए। हमारा उद्देश्य केवल छात्रों को शिक्षित करना है। Google से गुजारिश है हमारे post को रैंक करे और छात्रों को शिक्षित करने में हमारी मदद करे।