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क्या निराश हुआ जाए by educated india

क्या निराश हुआ जाए

हजारी प्रसाद द्विवेदी 

क्या निराश हुआ जाए का वस्तुनिष्ठ प्रश्न (MCQs)

(क) एक बड़े आदमी ने किसे सुखी कहा है?
(i) जो कुछ करता है
(ii) जो कुछ नहीं करता ✅
(iii) इनमें से कोई नहीं

(ख) कौन सा चित्त सब समय आदर्शों द्वारा चालित नहीं होता?क्या निराश हुआ जाए by educated india
(i) व्यक्ति-चित्त ✅
(ii) पशु-चित्त
(iii) इनमें से कोई नहीं

(ग) आजकल हर व्यक्ति किस दृष्टि से देखा जा रहा है?
(i) प्रेम की दृष्टि से
(ii) शक की दृष्टि से ✅
(iii) इनमें से कोई नहीं

(घ) भारतवर्ष किसे सदा धर्म के रूप में देखता आ रहा है?
(i) कानून को ✅
(ii) रंगून को
(iii) इनमें से कोई नहीं

(ङ) किस में रस लेना कुरी बात है?
(i) अच्छाई में
(ii) बुराई में ✅
(iii) इनमें से कोई नहीं


क्या निराश हुआ जाए का लघुउत्तरीय प्रश्न (Short Answer Questions)

(क) लेखक के अनुसार आज के समाज में कौन-कौन सी बुराइयाँ दिखायी देती हैं?
उत्तर: लेखक के अनुसार समाज में भ्रष्टाचार, असत्य, लालच, बेईमानी, संवेदनहीनता, और नैतिक मूल्यों में गिरावट जैसी बुराइयाँ देखने को मिलती हैं।

(ख) क्या कारण है कि आज हर आदमी में दोष अधिक दिखायी दे रहे हैं?
उत्तर: आजकल लोग दूसरों की कमियों को जल्दी पकड़ते हैं लेकिन अपने दोषों को अनदेखा करते हैं। साथ ही, नकारात्मक सोच और समाज में अविश्वास की भावना बढ़ने से दोष ज्यादा दिखते हैं।

(ग) लेखक दोषों का पर्दाफाश करते समय किस बात से बचने के लिए कहता है?
उत्तर: लेखक कहता है कि दोषों को उजागर करते समय हमें बिना किसी ठोस प्रमाण के आरोप नहीं लगाने चाहिए और सत्यता की जांच जरूर करनी चाहिए।

(घ) कुछ यात्री बस ड्राइवर को मारने के लिए क्यों उतारू हो गए थे?
उत्तर: यात्रीयो को  बस ड्राइवर के ऊपर सक था कि बस ड्राईवर उन्हें धोका दे रहा था । यात्रियों को लग रहा था की बस ड्राईवर डाकू से मिला हुआ हैं l

(ङ) टिकट बाबू के चेहरे पर विचित्र संतोष की गरिमा लेखक को चकित क्यों कर गई?
उत्तर: लेखक को यह देखकर आश्चर्य हुआ कि टिकट बाबू जैसे इमानदार लोग आज भी ईमानदारी को कायम रखे हैं ,वरना आज के जमाने में चारो तरफ बईमान लोग भरे हैं ।


क्या निराश हुआ जाए का बोधमूलक प्रश्न (Comprehension Questions)

(क) हमारे महापुरुषों के सपनों के भारत का क्या स्वरूप था?
उत्तर: हमारे महापुरुषों ने एक ऐसे भारत की कल्पना की थी जहाँ समानता, स्वतंत्रता, न्याय और भाईचारे की भावना हो।

(ख) भ्रष्टाचार आदि के विरुद्ध आक्रोश प्रकट करना किस बात को प्रमाणित करता है?
उत्तर: यह प्रमाणित करता है कि समाज में अभी भी नैतिकता और न्याय की भावना जीवित है। लोग अन्याय के विरुद्ध आवाज उठाने के लिए तैयार हैं।

(ग) जीवन के महान मूल्यों के प्रति आज हमारी आस्था क्यों हिलने लगी है?
उत्तर: समाज में बढ़ते भ्रष्टाचार, लालच और अनैतिकता के कारण लोगों का विश्वास जीवन के महान मूल्यों से हटता जा रहा है।

(घ) जो आज उथल-पुथल दिखाई दे रहा है, वह कहाँ तक मनुष्य निर्मित नीतियों की त्रुटियों की देन है?
उत्तर: यह समाज में बने गलत कानूनों, नीतियों और व्यवस्था की कमियों का परिणाम है, जिससे असमानता और अशांति बढ़ रही है।

(ङ) रवीन्द्रनाथ ठाकुर ने भगवान से क्या प्रार्थना की और क्यों?
उत्तर: रवीन्द्रनाथ ठाकुर ने प्रार्थना की कि भारत एक जागरूक, साहसी और नैतिकता से भरा देश बने, जहाँ लोग स्वतंत्र और सत्य के मार्ग पर चलें।

(च) वर्तमान परिस्थितियों में भी हताश हो जाना ठीक नहीं है। इस कथन की पुष्टि में लेखक ने क्या-क्या उदाहरण दिए हैं?
उत्तर: लेखक ने उदाहरण दिए कि इतिहास में कई बार भारत कठिन दौर से गुजरा है, लेकिन संघर्ष और सकारात्मकता के बल पर आगे बढ़ा है।

(छ) महान भारतवर्ष को पाने की संभावना बनी हुई है और बनी रहेगी। लेखक के इस कथन से हमें क्या संदेश मिलता है?
उत्तर: यह संदेश मिलता है कि यदि हम अपने नैतिक मूल्यों और ईमानदारी पर दृढ़ रहेंगे तो भारत का भविष्य उज्ज्वल बना रहेगा।


क्या निराश हुआ जाए का विचार और कल्पना (Creative Thinking)

(क) विषम से विषम परिस्थितियों में भी मनुष्य को निराश नहीं होना चाहिए।
उत्तर: मनुष्य को जीवन में कठिनाइयों से डरकर हार नहीं माननी चाहिए। संघर्ष ही सफलता की कुंजी है।

 


क्या निराश हुआ जाए का भाषा-बोध (Grammar and Language Comprehension)

(क) निम्नलिखित वाक्यों में से सर्वनाम छाँटते हुए उनके प्रकार बताइए:

  1. मेरा मन कभी-कभी बैठ जाता है। (निजवाचक सर्वनाम)
  2. किसमें दोष नहीं होता? (प्रश्नवाचक सर्वनाम)
  3. इन दिनों कुछ ऐसा माहौल बना है। (निश्चयवाचक सर्वनाम)
  4. आज भी वह मनुष्य से प्रेम करता है। (पुरुषवाचक सर्वनाम)
  5. रात के कोई दस बजे होंगे। (अनिश्चयवाचक सर्वनाम)

(ख) विलोम शब्द लिखिए:

  • ईमानदार – बेईमान
  • सुखी – दुखी
  • गुण – दोष
  • निश्चय – अनिश्चय
  • रोजगार – बेरोजगार

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