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तिवारी का तोता by educated india

तिवारी का तोता कहानी 

सुदर्शन 

तिवारी का तोता कहानी  का वस्तुनिष्ठ प्रश्न

  1. ‘तिवारी का तोता’ किस विधा की रचना है?
    (i) कविता
    (ii) कहानी ✅
    (iii) नाटक
  2. तिवारी का तोता कहाँ रहता था?
    (i) जंगल में
    (ii) पिंजरे में ✅
    (iii) मंगल पर
  3. तिवारी के पास कितने तोते थे?
    (i) एक
    (ii) दो ✅
    (iii) तीन
  4. पिंजरे के तोते के पास दूसरा तोता कहाँ से आया?
    (i) गाँव से
    (ii) शहर से
    (iii) जंगल से ✅
  5. पिंजरे का तोता किस कारण मरा?
    (i) ज़हर खाकर
    (ii) सींक से घाव हो जाने के कारण ✅
    (iii) सदमा लगने से

तिवारी का तोता कहानी का लघुउत्तरीय प्रश्न

  1. पंडित तिवारी कहाँ रहते थे?
    उत्तर:काशी की पवित्र नगरी में  पंडित तिवारी  रहते थे।
  2. एक दिन पिंजरे के सामने कौन आकर बैठ गया?
    उत्तर: एक जंगल का तोता आकर बैठ गया।
  3. पिंजरे का तोता पिंजरे की प्रशंसा क्यों करता है?
    उत्तर: पिंजरे का तोता सोचता था कि उसे पिंजरे में सुख-सुविधाएँ मिली हैं, इसलिए वह उसकी प्रशंसा करता था।
  4. पंडित तिवारी के बेटे ने पिंजरे में क्या डाला?
    उत्तर: पंडित तिवारी के बेटे ने पिंजरे में सीख डाली।
  5. मरे हुए तोते की आत्मा ने क्या कहा?
    उत्तर: मरे हुए तोते की आत्मा ने जंगल के तोते को चूरी देने को कहा  ।

तिवारी का तोता कहानी का  बोधमूलक प्रश्न

  1. पिंजरे के तोते से जंगल के तोते ने क्या कहा?
    उत्तर: जंगल के तोते ने कहा कि वह पिंजरे के तोते को अभागा समझता है क्योंकि वह स्वतंत्र नहीं है।
  2. अभागा कहने पर जंगल के तोते से पिंजरे के तोते ने क्या पूछा?
    उत्तर: पिंजरे के तोते ने पूछा कि वह अभागा क्यों है, जबकि उसके पास हर तरह की सुविधा है।
  3. पिंजरे के तोते ने अपने मालिक को मेहरबान और स्वयं को खुशकिस्मत क्यों कहा?
    उत्तर: क्योंकि उसे लगता था कि उसका मालिक उसे खाना और आराम देकर उस पर बहुत कृपा कर रहा है।
  4. मालिक का कहना न मानने पर पिंजरे के तोते का क्या हाल हुआ?
    उत्तर: जब तोते ने मालिक की बात नहीं मानी, तो उसने उसे सीख चुभा कर  दंड दिया, जिससे वह घायल हो गया और बाद में मर गया।
  5. मरे हुए तोते की आत्मा ने जंगल के तोते को चूरी देने की बात क्यों कही?
    उत्तर: क्योंकि जंगल के तोते ने एक केदी को छुड़ाया और मुर्दे को जिन्दा किया हैं ।
  6. ‘तेरी आज़ादी का रंग मुर्दा हो गया है और तेरी आँखें अंधी हो गई हैं।’ इस कथन का आशय स्पष्ट कीजिए।
    उत्तर: इसका अर्थ है कि पिंजरे में बंद रहने से तोते की आज़ादी समाप्त हो गई थी और वह यह समझने में असमर्थ था कि स्वतंत्रता का कितना महत्त्व है
  7. ‘तिवारी का तोता’ शीर्षक कहानी का क्या उद्देश्य है?
    उत्तर: यह कहानी हमें स्वतंत्रता का महत्त्व समझाती है और बताती है कि पराधीन रहकर कितनी भी सुविधाएँ मिल जाएँ, लेकिन वास्तविक सुख स्वतंत्रता में ही है।

तिवारी का तोता कहानी का  विचार और कल्पना

  1. यदि पराधीन होकर सैकड़ों प्रकार की सुविधाएँ भी मिल जाएँ, तो भी प्राणी की आत्मा को सच्ची शांति नहीं मिलती। इस कथन पर अपने विचार लिखिए।
    उत्तर: स्वतंत्रता हर जीव का मौलिक अधिकार है। चाहे कितनी भी सुविधाएँ मिलें, लेकिन यदि व्यक्ति या जीव स्वतंत्र नहीं है, तो वह कभी सुखी नहीं हो सकता।
  2. पिंजरे के पक्षियों को मुक्त कराने के लिए कोई उपाय सोचिए और बताइए कि क्या अपने मन बहलाने को कैद में रखना उचित है?
    उत्तर: हमें पक्षियों को पिंजरे में रखने के बजाय खुले वातावरण में रहने देना चाहिए। हमें उनकी स्वतंत्रता का सम्मान करना चाहिए।
  3. हमारी स्वतंत्रता कायम रहे, इसके लिए हमें क्या सावधानी रखनी चाहिए?
    उत्तर: हमें अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहना चाहिए और अन्याय के विरुद्ध आवाज उठानी चाहिए।

तिवारी का तोता कहानी का भाषा-बोध

  1. ‘प्र’ उपसर्ग लगाकर शब्द बनाइए।
    • बल → प्रबल
    • भाव → प्रभाव
    • ताप → प्रताप
    • गति → प्रगति
    • तिज्ञा → प्रज्ञा
  2. उपसर्ग अलग करके शब्द लिखिए।
    • प्रताप → प्र + ताप
    • प्रभाव → प्र + भाव
    • प्रगति → प्र + गति
    • प्रबल → प्र + बल
    • प्रज्ञा → प्र + ज्ञा

notice :तिवारी का तोता कहानी सुदर्शन  डॉ रामकुमार वर्मा  ने लिखा है। इस article लिखने के लिए हमने west bengal sylabus के साहित्य मेला पुस्तक का help लिए। हमारा उद्देश्य केवल छात्रों को शिक्षित करना है। Google से गुजारिश है हमारे post को रैंक करे और छात्रों को शिक्षित करने में हमारी मदद करे।

 

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